दुनिया के सबसे अमीर सैनिक : स्विट्जरलैंड में मिलती है सबसे ज्यादा सैलरी, भारत 64वें नंबर पर

RICH ARMY MAN IN WORD : जब बात देश की सुरक्षा की आती है, तो सबसे पहले हमारे ज़ेहन में फौजियों की तस्वीर उभरती है — वो जवान जो हर मौसम, हर हालात में सरहद पर तैनात रहते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया में किस देश के सैनिकों को सबसे ज्यादा तनख्वाह मिलती है?

World of Statistics की एक ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में सैनिकों को सबसे ज्यादा सैलरी देने वाला देश न अमेरिका है और न ही रूस, बल्कि स्विट्जरलैंड है। रिपोर्ट के आंकड़े चौंकाने वाले हैं क्योंकि कई छोटे लेकिन अमीर देश अपने सैनिकों को शानदार वेतन दे रहे हैं, जबकि कई बड़े और विकासशील देश पीछे हैं।

स्विट्जरलैंड टॉप पर, भारत बहुत पीछे

रिपोर्ट के अनुसार, स्विट्जरलैंड में एक सैनिक को औसतन 6,298 डॉलर (करीब ₹5.21 लाख) मासिक वेतन मिलता है। इस आंकड़े ने सभी को हैरान कर दिया है क्योंकि इतनी तनख्वाह तो कई देशों में उच्च अधिकारियों को भी नहीं मिलती।

दूसरे नंबर पर लक्जमबर्ग है, जहां सैनिकों की औसत सैलरी 5,122 डॉलर प्रति माह है। वहीं एशिया के ताकतवर देश सिंगापुर ने तीसरा स्थान हासिल किया है, जहां टैक्स कटौती के बाद भी सैनिकों को करीब 4,990 डॉलर (₹4.12 लाख) मासिक वेतन मिलता है।

भारत 64वें स्थान पर

चीन में सैनिकों की औसत मासिक सैलरी 1,002 डॉलर (₹82,900) है, जबकि दक्षिण अफ्रीका में यह आंकड़ा 1,213 डॉलर तक पहुंच जाता है।

भारत की स्थिति इस सूची में चिंताजनक है। यहां एक सैनिक को औसतन 594 डॉलर यानी करीब ₹49,227 प्रति माह वेतन मिलता है। इस लिहाज से भारत 64वें स्थान पर है।

पाकिस्तान और बांग्लादेश भारत से भी पीछे

रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में सैनिकों की औसत सैलरी केवल 159 डॉलर (₹13,175) और बांग्लादेश में 251 डॉलर (₹20,800) प्रति माह है, जो भारत से भी कम है।

सवाल: क्या हमारे सैनिकों को मिल रहा है उनका हक ?

इस रिपोर्ट ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है क्या हम अपने सैनिकों को उनके समर्पण और बलिदान के बदले उचित सम्मान और वेतन दे रहे हैं ? जब दूसरे देश अपने सैनिकों को इतनी बेहतर सुविधाएं और वेतन दे सकते हैं, तो भारत जैसे विशाल और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाले देश को इस दिशा में गंभीरता से सोचना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *