YOGI ADITYANATH IN VARANASI : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री YOGI ADITYANATH गुरुवार शाम दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे। उनके आगमन के साथ ही जिले में प्रशासनिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। सीएम योगी इस दौरान सावन माह की तैयारियों का जायजा लेंगे, कानून व्यवस्था और विकास परियोजनाओं की समीक्षा करेंगे, साथ ही श्री काशी विश्वनाथ और कालभैरव मंदिर में दर्शन-पूजन कर श्रद्धा निवेदित करेंगे।
वाराणसी में सावन के महीने में लाखों श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए आते हैं। इस बार गंगा के बढ़ते जलस्तर और घाटों के जलमग्न होने की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री विशेष व्यवस्था की समीक्षा करेंगे। सीएम सर्किट हाउस में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर दर्शन व्यवस्था, सुरक्षा, स्वच्छता और यातायात प्रबंधन को लेकर तैयारियों पर फीडबैक लेंगे।
मुख्यमंत्री YOGI ADITYANATH शुक्रवार, 18 जुलाई को वाराणसी में आयोजित होने वाले नशा मुक्ति समिट की तैयारियों का निरीक्षण भी करेंगे। इस समिट का उद्देश्य युवाओं और समाज को नशे के खिलाफ जागरूक करना और उत्तर प्रदेश को नशा मुक्त बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाना है। सीएम इस मौके पर अधिकारियों के साथ सुरक्षा, जनसहभागिता और व्यवस्थाओं पर चर्चा करेंगे।
इसी दिन सीएम YOGI ADITYANATH बिरसा मुंडा पर आधारित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का भी उद्घाटन करेंगे। यह संगोष्ठी स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी नायक बिरसा मुंडा के योगदान और आदर्शों को प्रचारित करने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है। मुख्यमंत्री इस अवसर पर बिरसा मुंडा के जीवन संघर्ष और उनके बलिदान को भी रेखांकित करेंगे, जिससे वाराणसी की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को नई ऊर्जा मिलेगी।
मुख्यमंत्री के दौरे को देखते हुए जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर है। सर्किट हाउस, मंदिर परिसर और सभी आयोजन स्थलों पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए NDRF और पुलिस टीमें भी सतर्क मोड में तैनात हैं। ट्रैफिक व्यवस्था के सुचारू संचालन हेतु विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
सीएम YOGI ADITYANATH गुरुवार रात सर्किट हाउस में विश्राम करेंगे। इस दौरान अधिकारियों, पुलिस और मंदिर प्रशासन को हर पल सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री का यह दौरा धार्मिक, सामाजिक और प्रशासनिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जो न केवल काशी में सावन की व्यवस्थाओं को सुदृढ़ बनाएगा, बल्कि नशा मुक्ति और आदिवासी गौरव जैसे विषयों को भी नई दिशा देगा।