Flood in Varanasi : उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। गंगा खतरे के निशान 71.26 मीटर को पार कर चुकी है और शनिवार रात 12 बजे तक यह बढ़कर 71.71 मीटर तक पहुंच गया। इसके चलते 84 घाटों का संपर्क टूट चुका है, और घाट किनारे स्थित 3000 से अधिक मंदिर जलमग्न हो गए हैं।
गंगा के बढ़ते प्रवाह के कारण उसकी सहायक नदी वरुणा भी उफान पर है, जिससे तटीय इलाकों की हजारों की आबादी बुरी तरह प्रभावित हो गई है। वरुणा नदी में शनिवार को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक 12 फीट जलस्तर बढ़ा।
शहर में बाढ़ का कहर:
शीतला घाट पर माता का मंदिर पूरी तरह जलमग्न हो चुका है।
दशाश्वमेध घाट की केवल तीन सीढ़ियाँ अब तक बची हैं।
रत्नेश्वर महादेव मंदिर का केवल शिखर ही नजर आ रहा है।
नमो घाट पर बने सभी स्कल्प्चर जल में डूब चुके हैं।
अस्सी घाट से लेकर जगन्नाथ मंदिर तक सड़क पर गंगा का पानी बह रहा है।
अघोर फाउंडेशन, महेशनगर कॉलोनी, सामनेघाट जैसे इलाके बुरी तरह प्रभावित हैं।
राहत कार्य शुरू:
जिलाधिकारी (DM) ने प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया और राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। जल पुलिस की चौकियां भी जल में डूब चुकी हैं, जिससे निगरानी में बाधा आ रही है।
पुलिस ने बढ़ती भीड़ को देखते हुए कई घाटों पर बैरिकेडिंग कर दी है, ताकि कोई हादसा न हो। वहीं, करीब 50 हजार लोग इस बाढ़ से सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं, जिनमें से कई लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं**।
स्थानीय लोगों की चिंता:
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि गंगा का जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा, तो जल्द ही सभी सीढ़ियाँ और मंदिर पूरी तरह जलमग्न हो सकते हैं।