Central Research Institute of Yoga and Naturopathy Varanasi : पूर्वांचल में स्वास्थ्य और आयुर्वेदिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। वाराणसी के आराजीलाइन ब्लॉक के शहंशाहपुर में 50 एकड़ भूमि पर एम्स की तर्ज पर “सेंट्रल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ योग एंड नेचुरोपैथी” स्थापित किया जाएगा।
इस केंद्र की स्थापना से पूर्वांचल ही नहीं बल्कि पूरे देश में योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान को नई पहचान मिलेगी। अभी देशभर में ऐसे रिसर्च संस्थान बहुत सीमित हैं। दिल्ली में मोरार जी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योग एंड नेचुरोपैथी, पुणे और बंगलूरू में केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान मौजूद हैं। वाराणसी में बनने वाला यह संस्थान देश का चौथा बड़ा केंद्र होगा।
योग और प्राकृतिक चिकित्सा को मिलेगा बढ़ावा
आयुष मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र दयालु की पहल पर यह परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है। इस संस्थान में लोगों को योगाभ्यास, प्राकृतिक चिकित्सा और निरोगी रहने के वैज्ञानिक तरीके सिखाए जाएंगे। साथ ही, यहां अनुसंधान, प्रशिक्षण और हेल्थकेयर प्रोग्राम भी चलाए जाएंगे।
क्षेत्रीय लोगों को मिलेगा लाभ
यह संस्थान वाराणसी और आसपास के जिलों के लोगों के लिए एक बड़ी सौगात साबित होगा। यहां पर न सिर्फ इलाज और थेरेपी की सुविधा मिलेगी, बल्कि देशभर से विद्यार्थी, शोधकर्ता और चिकित्सक योग व नेचुरोपैथी पर रिसर्च करने आएंगे।
प्रधानमंत्री के विज़न को मिलेगा बल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले से ही काशी को आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और स्वास्थ्य पर्यटन का हब बनाने पर जोर दे रहे हैं। इस रिसर्च इंस्टीट्यूट के निर्माण से काशी की पहचान और भी मजबूत होगी।
यह प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद वाराणसी योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान का वैश्विक केंद्र बन सकता है।