Lucknow : वाराणसी की रहने वाली अदिति, आज महिला स्वास्थ्य जागरूकता की दिशा में एक मिसाल बन चुकी हैं। किशोरावस्था में PCOD (Polycystic Ovarian Disease) जैसी जटिल समस्या से जूझते हुए, उन्होंने अपने अनुभव को न केवल आत्मबल में बदला, बल्कि उससे प्रेरणा लेकर एक सफल उद्यम ‘श्री विधि वेलनेस क्लिनिक’ की भी स्थापना की।
शैक्षणिक पृष्ठभूमि और उद्यम की नींव
BBA करने के बाद अदिति ने IIT पटना से MBA की पढ़ाई की। पढ़ाई के दौरान उन्होंने महसूस किया कि देश में महिलाओं के हार्मोनल स्वास्थ्य (PCOD) पर खुलकर बात नहीं होती और न ही इसके लिए पर्याप्त सेवाएं उपलब्ध हैं। अपने अनुभव और शोध से उन्होंने यह ठाना कि वे इस दिशा में बदलाव लाएंगी। यहीं से जन्म हुआ ‘श्री विधि’ का – एक ऐसा वेलनेस क्लिनिक जो महिलाओं के संपूर्ण हार्मोनल स्वास्थ्य को ध्यान में रखता है।
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना से मिली नई उड़ान
अदिति को उनके स्टार्टअप ‘श्री विधि’ के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना (CM Yuva Udyami Yojana) से आर्थिक सहयोग और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। इस योजना के तहत उन्हें क्लिनिक की स्थापना हेतु वित्तीय सहायता मिली, जिससे उन्होंने वाराणसी में अपने सपनों की नींव रखी। अदिति ने बताया कि मेरी बीमारी ही मेरी सबसे बड़ी ताकत बन गई। मुख्यमंत्री युवा योजना ने मुझे वो आधार दिया, जिससे मैं आत्मनिर्भर बनी और दूसरों को भी सशक्त बना सकी।

सेवाएं, उत्पाद और सामाजिक प्रभाव
‘श्री विधि’ वेलनेस क्लिनिक आज डाइट प्लान, आयुर्वेदिक उपचार, योग और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी काउंसलिंग जैसी सेवाएं प्रदान करता है। अब तक यह क्लिनिक 400 से अधिक महिलाओं को लाभ पहुँचा चुका है। अदिति के उद्यम से 2 स्थानीय युवाओं को रोजगार भी मिला है – एक योग प्रशिक्षक और एक डाइट असिस्टेंट, साथ ही एक क्लिनिक मैनेजर।
अदिति अपने अनुभवों को केवल सेवा तक सीमित नहीं रखना चाहती थीं, इसलिए उन्होंने दो खास उत्पाद भी विकसित किए हैं:
- वैदिक ब्लेड फेस किट – हार्मोनल असंतुलन (PCOD) से जुड़ी त्वचा समस्याओं का प्राकृतिक समाधान।
- सीड साइकिलिंग किट – मासिक धर्म चक्र और हार्मोनल संतुलन को सुधारने के लिए विशेष रूप से तैयार की गई किट।
डिजिटल विस्तार और भविष्य की योजना
अब अदिति अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से पूर्वांचल के विभिन्न जिलों तक अपनी सेवाओं का विस्तार कर रही हैं। वे वीडियो कॉल, ई-डाइट चार्ट और वर्चुअल काउंसलिंग जैसी सुविधाओं के ज़रिए दूर-दराज़ की महिलाओं तक पहुँच रही हैं।
नारी सशक्तिकरण का नया चेहरा
अदिति सिंह का यह सफर न केवल आत्मनिर्भरता का उदाहरण है, बल्कि यह बताता है कि एक व्यक्तिगत संघर्ष किस तरह सामाजिक परिवर्तन का कारण बन सकता है। आज वह महिलाओं को न केवल बेहतर स्वास्थ्य दे रही हैं, बल्कि उन्हें अपने शरीर और जीवन के प्रति जागरूक और आत्मविश्वासी भी बना रही हैं।