अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा फैसला
Trump Tariff 2025 : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर वैश्विक व्यापार जगत को चौंका दिया है। ट्रंप ने 1 नवंबर 2025 से आयातित मध्यम और भारी ट्रकों व उनके पार्ट्स पर 25% टैरिफ और आयातित बसों पर 10% टैरिफ लगाने का आदेश दिया है।
व्हाइट हाउस के मुताबिक यह कदम “राष्ट्रीय सुरक्षा” के आधार पर उठाया गया है ताकि अमेरिका के भीतर ऑटो उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सके।
किस सेक्टर पर पड़ी सबसे ज्यादा मार
इस नए टैरिफ से सबसे अधिक असर ऑटोमोबाइल सेक्टर पर पड़ेगा। विशेष रूप से मेक्सिको, जो अमेरिका को मध्यम और भारी ट्रकों का सबसे बड़ा निर्यातक देश है, इस फैसले से बुरी तरह प्रभावित होगा।
नए टैरिफ में श्रेणी 3 से श्रेणी 8 तक के सभी ट्रक शामिल हैं — यानी बड़े पिकअप ट्रक, मूविंग ट्रक, कार्गो ट्रक, डंप ट्रक और 18-पहिया ट्रैक्टर तक।
कौन-कौन सी कंपनियां होंगी लाभ में
ट्रंप ने कहा कि यह फैसला “अमेरिकी मैन्युफैक्चरर्स को अनुचित विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाने” के लिए लिया गया है।
इससे निम्नलिखित अमेरिकी कंपनियों को बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद है:
Peterbilt और Kenworth (PACCAR की कंपनियां)
Freightliner (Daimler Truck के स्वामित्व में)
इन कंपनियों का उत्पादन पहले से ही अमेरिका में होता है, जिससे वे आयात टैक्स के असर से बचेंगी।
अमेरिकी वाहन निर्माताओं के लिए राहत योजना
ट्रंप के आदेश में कहा गया है कि अमेरिका में असेंबल किए गए वाहनों के लिए 2030 तक 3.75% क्रेडिट दिया जाएगा।
यह क्रेडिट आयातित पार्ट्स पर लगने वाले टैक्स की लागत को कम करेगा।
इसी तरह इंजन निर्माण और ट्रक उत्पादन के लिए भी यह 3.75% का प्रोत्साहन लागू रहेगा।
रिपब्लिकन सीनेटर बर्नी मोरेनो ने कहा कि संशोधित क्रेडिट को अब पांच साल तक बढ़ा दिया गया है और यह पूरे समय 3.75% रहेगा। इससे कंपनियों को उत्पादन अमेरिका में शिफ्ट करने का मजबूत प्रोत्साहन मिलेगा।
अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स की आपत्ति
हालांकि, U.S. Chamber of Commerce ने ट्रंप प्रशासन से अपील की थी कि इन टैरिफों को लागू न किया जाए।
उनका कहना था कि मेक्सिको, कनाडा, जापान, जर्मनी और फिनलैंड जैसे देश अमेरिका के करीबी सहयोगी हैं और इन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे के रूप में नहीं देखा जा सकता।
जीएम, फोर्ड और टोयोटा को आंशिक राहत
इस आदेश में जीएम, फोर्ड, टोयोटा, स्टेलंटिस, होंडा, टेस्ला जैसी कंपनियों को भी कुछ राहत दी गई है।
वाणिज्य विभाग ने जून में बताया था कि अमेरिका में असेंबल किए गए वाहनों के मूल्य का 3.75% तक का ऑफसेट अप्रैल 2026 तक दिया जाएगा, जो दूसरे वर्ष 2.5% तक घटेगा।
ट्रंप का यह फैसला अमेरिकी ऑटो इंडस्ट्री के लिए जहां राहत और प्रोत्साहन लेकर आया है, वहीं वैश्विक सप्लाई चेन और मेक्सिको जैसे व्यापारिक साझेदारों के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।
इस कदम से आने वाले महीनों में अमेरिका-मेक्सिको व्यापार संबंधों में तनाव बढ़ने की संभावना है, और विश्व ऑटो बाजार पर इसका असर दूरगामी हो सकता है।