The political temperature has risen in Bihar, Patna : बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधायक मुन्ना यादव ने एक यूट्यूब चैनल को दिए बयान में कहा कि “अब बिहार में मिश्रा, सिंह, झा और शर्मा जैसे टाइटल वालों का कोई गुजारा नहीं है”, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है. विधानसभा चुनाव से पहले इस बयान को सामाजिक तनाव पैदा करने वाला और राजनीतिक रूप से नुकसानदायक माना जा रहा है.
🔴 ‘लालू यादव ने सवर्णों की हैसियत दिखा दी’
मुन्ना यादव ने कहा,
“लालू जी ने ऐसी व्यवस्था बना दी है कि अब ये लोग फ्रंटफुट पर राजनीति नहीं कर सकते. सीएम की कुर्सी पर अब बहुजन ही बैठेगा. सवर्ण चाहें तो बैकफुट से शासन करें, लेकिन अब जगन्नाथ मिश्रा जैसी सरकार नहीं बनने वाली.”
उन्होंने कहा कि
“अगर औकात है, तो मुट्ठीभर नामों को आगे करके बिहार में चुनाव लड़ लें, मिट्टी पलीद हो जाएगी.”
🔴 प्रशांत किशोर पर भी साधा निशाना
बातचीत में उन्होंने जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर पर भी हमला बोला.
“प्रशांत किशोर हमारे नेता तेजस्वी यादव को नौवीं फेल बताते हैं, लेकिन खुद मिश्रा टाइप की सरकार बनाना चाहते हैं, जो अब संभव नहीं.”
🔴 पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान
यह पहला मौका नहीं है जब मुन्ना यादव चर्चा में आए हैं. रमज़ान के दौरान एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे कहते दिखे थे कि
“लोग उन्हें मोहम्मद मुन्ना कहते हैं.”
उनकी छवि एक दबंग नेता की है और उनपर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. वे 2015 और 2020 में मीनापुर से आरजेडी के टिकट पर जीत चुके हैं. उन पर पूर्व मंत्री हिंद केसरी यादव से बदसलूकी के भी आरोप लग चुके हैं.
🔴 राजनीतिक प्रतिक्रिया और संभावित नुकसान
बिहार की राजनीति में जातीय समीकरण हमेशा अहम रहे हैं. मुन्ना यादव के इस बयान ने चुनाव से पहले एक नई बहस को जन्म दे दिया है, जो RJD की रणनीति पर असर डाल सकता है. अब देखना यह होगा कि तेजस्वी यादव इस बयान से कैसे निपटते हैं और क्या पार्टी कोई सफाई या कार्रवाई करती है.