Annapurna Temple Varanasi : वाराणसी में स्वर्णमयी अन्नपूर्णा देवी के दर्शन को उमड़ी भक्तों की भीड़

Annapurna Temple Varanasi : दीपावली के पावन अवसर पर सोमवार को श्री अन्नपूर्णा मंदिर ( Annapurna Temple ), वाराणसी में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। स्वर्णमयी अन्नपूर्णा देवी के दर्शन के लिए सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें मंदिर के बाहर लग गईं। श्रद्धालु माता के दर्शन कर दीप अर्पित करते हुए देश में सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना कर रहे थे।

महंत ने 51 दीपों से की आरती, मांगी देश की समृद्धि की कामना

दीपावली की संध्या बेला में मंदिर ( Annapurna Temple ) के महंत शंकरपुरी जी महाराज ने स्वर्णमयी माता अन्नपूर्णा के समक्ष 51 दीप प्रज्ज्वलित कर आरती की। उन्होंने कहा,

“दीप ज्योति की तरह हमारा देश सदैव जगमगाता रहे। माता अन्नपूर्णा की कृपा से देश में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे।”

इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भी दीप दान किया और माता से आशीर्वाद मांगा।

भक्तों की लंबी कतार, बॉसफाटक तक पहुंची लाइन

दर्शन के लिए भक्तों की कतारें सुबह चार बजे से ही लगनी शुरू हो गई थीं। मंदिर ( Annapurna Temple ) का गेट नंबर-1 से निकलती लाइन बॉसफाटक तक पहुंच गई थी। भक्त भक्ति गीतों और जयकारों के साथ अपनी बारी का इंतजार करते दिखे।

मंदिर प्रांगण में व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और स्वयंसेवकों की टीम लगातार निगरानी करती रही।

अन्नकूट पर्व की तैयारियां पूरी

मंदिर ( Annapurna Temple ) प्रबंधक काशी मिश्रा ने बताया कि दीपावली के बाद मनाए जाने वाले अन्नकूट पर्व की तैयारी भी पूरी कर ली गई है।
पूर्वांचल के विभिन्न जिलों से आए सैकड़ों कारीगर माता के अन्नकूट प्रसाद की तैयारी में जुटे हैं।

उन्होंने बताया कि इस वर्ष अन्नकूट झांकी विशेष रूप से आकर्षक होगी, जिसमें पारंपरिक व्यंजन और प्रसाद का भव्य आयोजन किया जाएगा।

दो दिनों में पांच लाख भक्तों ने किए दर्शन

पिछले दो दिनों में करीब पांच लाख श्रद्धालु माता अन्नपूर्णा के दर्शन कर चुके हैं। आयोजन को सफल बनाने में हरिद्वार से आए शिवानंद गिरी, प्रदीप श्रीवास्तव, धीरेन्द्र सिंह, राकेश तोमर और मंदिर ( Annapurna Temple ) परिवार के सदस्यों का विशेष सहयोग रहा।

दीपावली और अन्नकूट पर्व पर अन्नपूर्णा मंदिर ( Annapurna Temple ), वाराणसी में आस्था का महासागर उमड़ा हुआ है। भक्तों की भक्ति और दीपों की रोशनी से पूरा मंदिर परिसर जगमगा उठा है। इस भव्य आयोजन ने न सिर्फ वाराणसी को आलोकित किया, बल्कि पूरे देश में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार किया।

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