STRESS, HIPPOCAMPUS : स्वास्थ्य व मनोविज्ञान विशेषज्ञों का मानना है कि आज की तेज रफ्तार जिंदगी में तनाव यानी स्ट्रेस एक आम समस्या बन गई है, लेकिन यह केवल आपके मूड को नहीं बल्कि दिमाग की कार्यक्षमता को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर व्यक्ति लगातार तनाव की स्थिति में रहता है, तो इससे शरीर में तनाव हार्मोन ‘कॉर्टिसोल’ का स्तर बढ़ जाता है, जो दिमाग के सबसे महत्वपूर्ण हिस्से हिप्पोकैम्पस को नुकसान पहुंचा सकता है। यह हिस्सा याददाश्त और सीखने की प्रक्रिया से जुड़ा होता है।
दिमाग पर तनाव के दुष्प्रभाव
लगातार तनाव से न केवल याददाश्त कमजोर होती है, बल्कि व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता, एकाग्रता और मानसिक संतुलन पर भी असर पड़ता है। विशेषज्ञों के मुताबिक लंबे समय तक बना रहने वाला क्रॉनिक स्ट्रेस मस्तिष्क में इन्फ्लेमेशन बढ़ा सकता है, जिससे न्यूरोलॉजिकल कम्युनिकेशन बिगड़ता है और व्यक्ति एंग्जायटी, डिप्रेशन व अल्जाइमर जैसी गंभीर मानसिक बीमारियों की चपेट में आ सकता है।
ऐसे करें तनाव से बचाव
मेडिटेशन और माइंडफुलनेस:
रोजाना कुछ मिनट मेडिटेशन करने से मानसिक स्पष्टता बढ़ती है और तनाव कम होता है। माइंडफुलनेस अभ्यास दिमाग में ग्रे मैटर को बढ़ाकर भावनाओं पर नियंत्रण रखने में मदद करता है।
शारीरिक व्यायाम:
योग, वॉक या हल्की-फुल्की एक्सरसाइज से न केवल मूड बेहतर होता है, बल्कि यह दिमाग में BDNF नामक प्रोटीन को सक्रिय करता है जो मानसिक मजबूती देता है।
अच्छी नींद लें:
नींद की कमी तनाव को और बढ़ा देती है। एक निश्चित समय पर सोना और पर्याप्त नींद लेना मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है।
संतुलित आहार:
ओमेगा-3 फैटी एसिड, ताजे फल, हरी सब्जियां और कम प्रोसेस्ड फूड दिमाग को पोषण देते हैं और मूड को स्थिर बनाए रखते हैं।
सामाजिक जुड़ाव:
अपनों से बातचीत करना, दोस्तों से मिलना और जरूरत पड़ने पर थेरेपिस्ट की मदद लेना तनाव से निपटने का सबसे प्रभावी तरीका माना जाता है।
विशेषज्ञों की मानें तो तनाव से पूरी तरह बचा नहीं जा सकता, लेकिन सही लाइफस्टाइल, खानपान और मानसिक अभ्यास से इसे काबू में रखा जा सकता है। अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह न केवल मानसिक बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य पर भी भारी पड़ सकता है।