kushinagar (up ) :
जहां एक ओर समाज में रिश्तों का ताना-बाना कमजोर होता जा रहा है, वहीं कुशीनगर जनपद की एक महिला ने ऐसा कार्य कर दिखाया है, जो रिश्तों में फिर से विश्वास भर देता है। पकड़ियार गांव की रहने वाली अनीता गुप्ता ने अपने बीमार पति गणेश गुप्ता को नया जीवन देने के लिए अपनी एक किडनी दान कर दी। इस अनोखी मिसाल ने न केवल प्रेम की नई परिभाषा गढ़ी, बल्कि नारीशक्ति और त्याग की एक अद्भुत कहानी भी रच दी।
वर्ष 2024 में गणेश की तबीयत अचानक बिगड़ी और जांच में सामने आया कि उनकी दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं। इलाज का खर्च करीब 20 लाख रुपये बताया गया। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, ऐसे में अनीता ने खेती की जमीन गिरवी रखकर इलाज के लिए प्रयास शुरू किए। जब कोई डोनर नहीं मिला, तब अनीता ने खुद किडनी देने का निर्णय लिया।
डॉक्टरों की तमाम मेडिकल जांच के बाद अनीता को उपयुक्त पाया गया और 4 मई 2025 को लखनऊ के चंदन हॉस्पिटल में सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया गया। आज दोनों स्वस्थ हैं और जीवन में फिर से नई सुबह लौट आई है। इस इलाज में उन्हें मुख्यमंत्री राहत कोष से 6.5 लाख रुपये की सहायता भी प्राप्त हुई।
अनीता ने भावुक होकर कहा कि “अगर मैं किडनी नहीं देती तो शायद मेरे पति नहीं बचते। जब वह ही नहीं रहेंगे तो मैं अकेले क्या करूंगी? भगवान ने मुझे शक्ति दी और मैं अपने फैसले पर अडिग रही।”
गणेश ने कहा कि मेरी पत्नी ने मुझे नया जीवन दिया है। आज वह मेरे लिए मां के समान बन गई हैं।
यह कहानी केवल क्षेत्रवासियों की आंखें नम की हैं, बल्कि समाज को यह भी दिखा दिया कि सच्चे रिश्तों में आज भी त्याग, समर्पण और प्रेम जीवित हैं।