New Delhi : कांग्रेस नेता Rahul Gandhi द्वारा कर्नाटक और महाराष्ट्र में मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर देश की राजनीति में घमासान मच गया है। राहुल गांधी ने चुनाव आयोग (ECI) पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया कि दोनों राज्यों में मतदाता सूची में हेराफेरी कर वोट चोरी की जा रही है, जिसे उन्होंने “एटम बम” जैसा करार दिया।
AICC के रिसर्च विभाग के राष्ट्रीय समन्वयक गौरव कपूर ने कहा कि “यह एक बेहद गंभीर मुद्दा है जिस पर चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को स्पष्ट जवाब देना चाहिए, नहीं तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। इसमें एकतरफा कार्रवाई की बू आती है।”

चुनाव आयोग ने Rahul Gandhi के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि अगर उनके पास सबूत हैं तो वह शपथपत्र देकर उन्हें सौंपें। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि जनवरी 2025 में अंतिम मतदाता सूची जारी की जा चुकी थी, लेकिन तब तक कांग्रेस या किसी अन्य दल ने कोई शिकायत नहीं दर्ज कराई।
आयोग ने बताया कि कर्नाटक में SSR-2025 की प्रारूप सूची नवंबर 2024 में सभी दलों को दे दी गई थी, और अंतिम सूची जनवरी 2025 में प्रकाशित हुई। बावजूद इसके, अब तक न तो किसी जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष पहली अपील, और न ही राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष दूसरी अपील की गई।

Rahul Gandhi ने गुरुवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि एक ही व्यक्ति के नाम कई बार मतदाता सूची में हैं, कई पते गलत हैं और यह सब चुनावी धांधली का हिस्सा है। राहुल का कहना है कि यह एक बड़ी साजिश के तहत किया गया है जिससे चुनावी निष्पक्षता पर प्रश्नचिह्न लगता है।
बिहार में 1 अगस्त को जारी विशेष सघन पुनरीक्षण (SIR) के तहत जारी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में भी कोई राजनीतिक दल अब तक औपचारिक शिकायत नहीं कर सका है, जबकि लगभग 65 लाख ऐसे नाम हटाए गए हैं जो मृत या अप्रवासी बताए जा रहे हैं।
हालांकि चुनाव आयोग ने Rahul Gandhi को शपथपत्र का प्रारूप भेज दिया है, लेकिन कांग्रेस की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि वे कोई शपथपत्र नहीं देंगे। कांग्रेस का तर्क है कि यह आयोग की जिम्मेदारी है कि वह स्वतः संज्ञान लेकर निष्पक्षता से जांच करे।