Rahul Gandhi vote theft allegation : कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा कर्नाटक के महादेवपुर निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता सूची में गड़बड़ी और वोट चोरी के लगाए गए आरोपों पर चुनाव आयोग ने सख्त प्रतिक्रिया दी है। आयोग ने गुरुवार को राहुल गांधी से कहा है कि वे अपने दावों को लेकर हलफनामा (Affidavit) जमा करें, जिसमें सभी तथ्यों के साथ स्पष्ट जानकारी दी गई हो। यदि आरोप गलत साबित हुए, तो कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
आयोग ने क्या कहा ?
कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) ने राहुल गांधी को पत्र लिखते हुए स्पष्ट किया कि मतदाता सूची को पूरी पारदर्शिता के साथ तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि यह सूची जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, मतदाता पंजीकरण नियम 1960 और चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार बनाई गई है।
कांग्रेस को समय भी दिया गया
सीईओ ने बताया कि कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने 8 अगस्त 2025 को मिलने का समय मांगा था, जिसके लिए 1 बजे से 3 बजे तक का स्लॉट दिया गया है।
साथ ही राहुल गांधी को कहा गया है कि वह यह स्पष्ट करें कि मतदाता सूची में किन व्यक्तियों के नाम गलत तरीके से जोड़े या हटाए गए हैं। इसके लिए पार्ट नंबर और सीरियल नंबर सहित नामों की सूची शपथपत्र में देनी होगी।
कानूनी चेतावनी
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि अगर शपथ पत्र में दी गई जानकारी गलत पाई जाती है, तो राहुल गांधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। साथ ही यह भी कहा गया कि चुनाव परिणामों को केवल उच्च न्यायालय में याचिका के ज़रिए चुनौती दी जा सकती है।
चुनाव आयोग का रुख सख्त
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के हालिया बयानों को “भ्रामक, तथ्यहीन और धमकी देने वाला” बताया है। आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि मतदाता सूची पहले ही कांग्रेस के साथ साझा की जा चुकी थी, लेकिन उस समय किसी प्रकार की औपचारिक शिकायत या आपत्ति नहीं दर्ज की गई।
राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने अब कड़ी कानूनी प्रक्रिया अपनाने का संकेत दिया है। इससे यह मामला और अधिक राजनीतिक रंग पकड़ सकता है। अब देखना होगा कि राहुल गांधी अगली प्रतिक्रिया में क्या रुख अपनाते हैं।