Su-57 Stealth Fighter Jet : पुतिन के भारत दौरे से जुड़े रक्षा करार की चर्चाएं तेज
Su-57 Stealth Fighter Jet : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) जल्द ही भारत दौरे पर आने वाले हैं और इस दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को लेकर बड़े करार हो सकते हैं। रूसी दूतावास के डिप्टी चीफ ऑफ मिशन रोमन बाबुश्किन ने सोमवार (29 सितंबर, 2025) को राजधानी दिल्ली में पुष्टि की कि भारत और रूस के बीच Su-57 स्टील्थ फाइटर जेट की खरीद और साझा निर्माण पर बातचीत होगी।
बाबुश्किन ने कहा कि पिछले तीन सालों में रूस ने यूक्रेन जंग में कई आधुनिक हथियारों का परीक्षण किया, जिनमें Su-57 भी शामिल है। इस जेट ने युद्ध में अपनी जबरदस्त क्षमताओं का प्रदर्शन किया है।
भारत के लिए क्यों अहम है Su-57
भारत का स्वदेशी स्टील्थ फाइटर जेट प्रोजेक्ट AMCA (एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) अभी विकास के चरण में है और इसकी पहली उड़ान साल 2034-35 तक होने की संभावना है। यानी, भारत को अपने स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान के लिए कम से कम एक दशक का इंतजार करना होगा।
वहीं दूसरी तरफ, भारत का पड़ोसी चीन पहले ही दो स्टील्थ फाइटर जेट्स—J-20 और J-35—तैयार कर चुका है और पाकिस्तान को भी 40 J-35 फाइटर जेट देने का करार कर चुका है। ऐसे में भारत की वायुसेना को अपने प्रतिद्वंद्वियों की बराबरी करने के लिए Su-57 जैसे उन्नत विमान की तत्काल जरूरत पड़ सकती है।
HAL कर रहा है Su-57 पर स्टडी
सूत्रों के मुताबिक, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) पहले से ही Su-57 की तकनीकी क्षमताओं पर अध्ययन कर रहा है। अनुमान है कि भारत शुरुआती तौर पर रूस से 2-3 स्क्वाड्रन Su-57 सीधे खरीद सकता है। इसके बाद दोनों देश लाइसेंस प्रोडक्शन के तहत भारत में इसका संयुक्त निर्माण भी कर सकते हैं।
रूस ने पहले ही भारत में दिखाई ताकत
रूस ने Su-57 को पिछले साल ही तैयार किया था और इस साल की शुरुआत में बेंगलुरु में आयोजित एयरो-शो में इसका प्रदर्शन भी किया गया।
दुनिया के 10 सबसे खतरनाक लड़ाकू विमानों की सूची में Su-57 दूसरे नंबर पर माना जाता है, जबकि पहले नंबर पर अमेरिका का F-22 रैप्टर है।
S-400 और S-500 पर भी हो सकती है चर्चा
पुतिन के भारत दौरे के दौरान Su-57 के अलावा S-400 और S-500 एयर डिफेंस सिस्टम पर भी चर्चा हो सकती है। भारत पहले से ही S-400 मिसाइल प्रणाली का इस्तेमाल कर रहा है। हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने S-400 का उपयोग कर पाकिस्तानी विमानों को भारी नुकसान पहुंचाया था।
S-500 रूस की नई पीढ़ी की एयर डिफेंस प्रणाली है, जो आने वाले समय में भारत की सुरक्षा क्षमताओं को और मजबूत कर सकती है।
पुतिन का यह दौरा भारत-रूस रक्षा सहयोग को नई ऊंचाई पर ले जा सकता है। Su-57 स्टील्थ फाइटर जेट डील से भारत की वायुसेना को बड़ी ताकत मिलेगी और चीन-पाकिस्तान की संयुक्त हवाई ताकत को संतुलित करने में मदद मिलेगी। साथ ही, S-500 जैसे आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम पर समझौता भारत की सुरक्षा रणनीति को और मजबूत बनाएगा।