Action against Samrat Choudhary : जन सुराज पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की। आरोप है कि उन्होंने लौना परसा नरसंहार केस में गलत दस्तावेज पेश कर नाबालिग का दर्जा पाया।
Action against Samrat Choudhary : बिहार की राजनीति में नया बवाल खड़ा हो गया है। जन सुराज पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है। पार्टी का आरोप है कि चौधरी ने लौना परसा नरसंहार केस (1995) में गलत दस्तावेज पेश कर खुद को नाबालिग बताया और जेल से रिहा हो गए थे।
उदय सिंह ने PM मोदी को लिखा पत्र
जन सुराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि सम्राट चौधरी का नाम 28 मार्च 1995 को हुए लौना परसा नरसंहार (केस संख्या 44/1995, थाना तारापुर) में दर्ज था। इस नरसंहार में कुशवाहा समुदाय के छह लोगों की हत्या हुई थी और चौधरी समेत छह अन्य अभियुक्तों को जेल भेजा गया था।
उन्होंने पत्र में आरोप लगाया कि चौधरी ने अदालत में अपनी उम्र साबित करने के लिए मैट्रिक प्रवेश पत्र का सहारा लिया और खुद को 15 वर्ष का नाबालिग बताया, जबकि उनके चुनावी हलफनामों के अनुसार उनका जन्मवर्ष 1969 है। ऐसे में 1995 में उनकी उम्र लगभग 26 वर्ष होती थी।
‘गलत दस्तावेज का इस्तेमाल हुआ’
उदय सिंह ने पत्र में लिखा –
“यह विरोधाभास इस बात का संकेत है कि गलत दस्तावेज पेश कर उनकी जेल से रिहाई कराई गई। इस प्रकार का व्यक्ति यदि उच्च पद पर बना रहता है तो यह न केवल शासन की गरिमा को ठेस पहुंचाता है बल्कि कानून के राज और लोकतांत्रिक संस्थाओं में जनता का विश्वास भी कम करता है।”
प्रशांत किशोर का ऐलान
जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने सोमवार (29 सितंबर 2025) को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि प्रधानमंत्री को इस मामले पर पत्र लिखा जाएगा। अब पार्टी ने आधिकारिक रूप से यह कदम उठाया है।
‘नरसंहार पीड़ितों को न्याय मिले’
पत्र में उदय सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया है कि वे सम्राट चौधरी को तत्काल मंत्री पद से बर्खास्त करें और कानून को अपना स्वाभाविक मार्ग अपनाने दें ताकि नरसंहार के पीड़ितों को न्याय मिल सके। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में इस तरह के मामलों को सत्य, न्याय और जवाबदेही की भावना के साथ निपटाया जाएगा।