AMRAAM missile deal : संयुक्त राज्य अमेरिका के युद्ध विभाग (US War Department) ने पाकिस्तान को नई AMRAAM मिसाइलें (Advanced Medium-Range Air-to-Air Missiles) भेजने की खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है। हाल के दिनों में मीडिया में यह दावा किया जा रहा था कि अमेरिका, पाकिस्तान को नई मिसाइलें देने जा रहा है, जिससे उसका F-16 फाइटर जेट बेड़ा और अधिक घातक हो जाएगा।
हालांकि, अब अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह रिपोर्टें पूरी तरह गलत हैं। जारी बयान में कहा गया है कि हाल में जो कॉन्ट्रैक्ट संशोधन जारी किया गया था, वह केवल Foreign Military Sales (FMS) प्रोग्राम के तहत सस्टेनमेंट और स्पेयर्स (रख-रखाव और पुर्ज़ों) की सप्लाई से जुड़ा है।
“कोई नई मिसाइल डिलीवरी नहीं हो रही” — Pentagon
अमेरिकी युद्ध विभाग ने कहा कि इस संशोधन का उद्देश्य किसी देश को नई मिसाइलें भेजना नहीं, बल्कि पहले से मौजूद सिस्टम के मेंटेनेंस और तकनीकी सपोर्ट को जारी रखना है।
विभाग ने साफ किया —
“यह कदम कई देशों के लिए एक नियमित प्रक्रिया है। पाकिस्तान को भेजी जाने वाली सामग्री में केवल सस्टेनमेंट और स्पेयर्स शामिल हैं, न कि कोई नया हथियार या मिसाइल सिस्टम।”
कई देशों का नाम था कॉन्ट्रैक्ट में, पाकिस्तान को लेकर फैली गलतफहमी
रिपोर्ट के अनुसार, इस FMS समझौते में ब्रिटेन, पोलैंड, पाकिस्तान, जर्मनी, फिनलैंड, ऑस्ट्रेलिया, रोमानिया, कतर, ओमान, कोरिया, ग्रीस, स्विट्जरलैंड, पुर्तगाल, सिंगापुर, नीदरलैंड, जापान, स्लोवाकिया, डेनमार्क, कनाडा, बेल्जियम, सऊदी अरब, इटली, नॉर्वे, स्पेन, कुवैत, स्वीडन, ताइवान, लिथुआनिया, इजरायल, बुल्गारिया, हंगरी और तुर्की जैसे कई देश शामिल थे।
हालांकि, मीडिया में यह भ्रम फैल गया कि इस लिस्ट में पाकिस्तान का नाम होने का मतलब है कि उसे नई AMRAAM मिसाइलें दी जा रही हैं। जबकि हकीकत में यह केवल लॉजिस्टिक सपोर्ट से जुड़ा समझौता था।
पहले उठी थी अपग्रेड की अटकलें
कुछ रक्षा विशेषज्ञों का मानना था कि पाकिस्तान अपने F-16 बेड़े को AIM-120 AMRAAM मिसाइलों के साथ अपग्रेड करने की योजना बना रहा है। लेकिन अब अमेरिकी बयान के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि कोई नया डिफेंस अपग्रेड या मिसाइल सप्लाई नहीं की जा रही।
अमेरिका ने यह साफ कर दिया है कि पाकिस्तान को नई AMRAAM मिसाइलें देने की बात पूरी तरह असत्य और भ्रामक है। यह केवल एक सपोर्ट कॉन्ट्रैक्ट है, जिसमें पुर्ज़ों और रखरखाव की आपूर्ति की जाएगी।
रक्षा मंत्रालय ने मीडिया से अपील की है कि आधिकारिक घोषणाओं के बिना अफवाहों पर यकीन न करें।