NEW DeLHI : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को आर्थिक हमला करार देते हुए बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि 9 मई की रात पाकिस्तान की ओर से बड़े आतंकी हमले की चेतावनी के बाद अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया था और इस खतरे की जानकारी दी थी। इसके बावजूद भारत ने कोई दबाव नहीं माना और पाकिस्तान को कड़ा जवाब देने का निर्णय लिया।
जयशंकर ने बताया कि मैं उस समय प्रधानमंत्री मोदी के साथ कमरे में मौजूद था। वेंस ने बताया कि पाकिस्तान एक बड़ा हमला करने वाला है, लेकिन हमने कोई समझौता नहीं किया। पीएम मोदी ने साफ कर दिया कि भारत की तरफ से जवाब जरूर मिलेगा।
विदेश मंत्री ने कहा कि इस हमले का उद्देश्य कश्मीर की अर्थव्यवस्था को कमजोर करना था, खासकर टूरिज्म सेक्टर को निशाना बनाकर। उन्होंने बताया कि हमला सिर्फ डर फैलाने के लिए नहीं, बल्कि आर्थिक रीढ़ तोड़ने की साजिश थी।
ट्रंप का दावा खारिज
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान को जयशंकर ने झूठा बताया जिसमें उन्होंने दावा किया था कि भारत-पाकिस्तान के बीच ट्रेड डील के जरिए सीजफायर करवाया गया। जयशंकर ने कहा कि उस कॉल में किसी ट्रेड डील का जिक्र ही नहीं था। भारत ने आतंकवाद के खिलाफ हमेशा कड़ा रुख अपनाया है और आगे भी अपनाएगा।
पाकिस्तान ने मांगा था सीजफायर
एस. जयशंकर ने बताया कि 10 मई को पाकिस्तान के DGMO ने भारत के DGMO को फोन कर सीजफायर की अपील की थी। यह अपील भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई के बाद की गई थी।
एस. जयशंकर के इस खुलासे से साफ है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ “नो टॉलरेंस” नीति पर कायम है और कूटनीतिक दबाव या धमकियों के आगे झुकने वाला नहीं। वहीं ट्रंप के दावों पर भारत ने दो टूक कह दिया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा का फैसला देश के हित में, न कि व्यापारिक लाभ के लिए होता है।