Nose Infection During Rainy Season: मानसून की झमाझम बारिश जहां मौसम को सुहाना बना देती है, वहीं यह कई बीमारियों की वजह भी बन जाती है। खासतौर पर इस मौसम में नमी और बैक्टीरिया के कारण हमारी नाक सबसे पहले प्रभावित होती है। डॉक्टरों के अनुसार, मानसून में नाक से जुड़ी कई समस्याएं आम हो जाती हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना गंभीर परिणाम दे सकता है।
डॉ. वी.के. मिश्रा बताते हैं कि मानसून के दौरान हवा में बढ़ी नमी और संक्रमण फैलाने वाले सूक्ष्म जीवाणु (बैक्टीरिया और वायरस) नाक की झिल्लियों को प्रभावित करते हैं। इसके कारण नाक बहना, बंद होना, जलन या एलर्जी जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं।
मानसून में नाक से जुड़ी 5 आम समस्याएं:
- नाक बहना (Runny Nose):
मौसम में बदलाव और ठंडी-नमी भरी हवा के कारण नाक से लगातार पानी आना शुरू हो जाता है। - नाक बंद होना (Nasal Congestion):
एलर्जी या संक्रमण के कारण नाक में सूजन आ जाती है जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है। - नाक में जलन और खुजली (Irritation & Itching):
धूल, फफूंदी और पराग कणों से एलर्जी के कारण जलन या खुजली हो सकती है। - साइनस संक्रमण (Sinusitis):
लंबे समय तक नाक बंद रहने पर साइनस कैविटी में संक्रमण हो सकता है, जिससे सिरदर्द और भारीपन महसूस होता है। - नाक से खून आना (Nose Bleed):
वातावरण में अचानक बदलाव या अत्यधिक बार नाक साफ करने से रक्तस्राव हो सकता है।
कैसे करें बचाव?
गीले कपड़े तुरंत बदलें और खुद को सूखा रखें।
नाक को बार-बार न छुएं और साफ रखें।
भाप लें, जिससे नाक की सफाई हो और कंजेशन कम हो।
गरम पानी पिएं और गुनगुने पानी से गरारे करें।
धूल और एलर्जी से बचें, घर में नमी न बनने दें।
डॉक्टर सलाह देते हैं कि यदि नाक से जुड़ी समस्याएं 3-4 दिनों से ज्यादा बनी रहें या तेज बुखार और सिरदर्द के साथ हों, तो तुरंत ENT विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।
मानसून में सिर्फ सड़कों पर नहीं, हमारे शरीर में भी बदलाव होते हैं। नाक की सेहत को नजरअंदाज करना आगे चलकर साइनस या रेस्पिरेटरी इंफेक्शन का कारण बन सकता है। थोड़ी सी सावधानी रखकर हम इस मौसम का मजा बिना बीमारी के भी उठा सकते हैं।