Navratri 2025 Vindhyachal : नवरात्रि के पहले दिन सोमवार को विंध्याचल धाम में भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। सुबह से ही श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी के दरबार में दर्शन-पूजन के लिए बेताब नजर आए। भोर में 3 बजे मंगला आरती और श्रृंगार पूजन के बाद माता के अलौकिक स्वरूप के दर्शन के लिए लंबी कतारें लग गईं। मंदिर परिसर मां के जयघोष से देर रात तक गूंजता रहा।
मंगला आरती और श्रृंगार पूजन ने मोहा भक्तों का मन
नवरात्र के प्रथम दिन मां विंध्यवासिनी का भव्य श्रृंगार किया गया। गुड़हल, कमल और गुलाब के पुष्पों से सजे देवी दरबार के दिव्य स्वरूप को देख भक्त निहाल हो उठे। घंटा, घड़ियाल और शंख की गूंज के बीच ‘जय मां विंध्यवासिनी’ के उद्घोष से वातावरण भक्तिमय बना रहा।
दूर-दराज से पहुंचे श्रद्धालु
देश के कोने-कोने से आए भक्तों ने गंगा स्नान के बाद विंध्याचल धाम में दर्शन किया। त्रिकोण परिक्रमा पथ पर विराजमान महाकाली और मां अष्टभुजी मंदिर में भी सुबह से ही दर्शन का सिलसिला जारी रहा। मंदिर प्रांगण से लेकर गलियों तक भक्तों की भीड़ उमड़ी रही।
साधु-संत भी हुए शामिल
विंध्याचल की छतों और अष्टभुजा पहाड़ पर साधु-संत और साधक अनुष्ठान में तल्लीन रहे। मंत्रोच्चार और पूजन-अनुष्ठान से पूरा क्षेत्र आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर रहा।
प्रशासन और पंडा समाज की व्यवस्था
श्रद्धालुओं की सुविधाओं को देखते हुए प्रशासन ने धाम क्षेत्र में विशेष इंतजाम किए। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रही और गंगा घाटों पर स्नान-ध्यान के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की गईं। श्री विंध्य पंडा समाज के पदाधिकारी भी भक्तों की सेवा में जुटे रहे।
खरीदारी से गुलजार हुआ मेला क्षेत्र
मां विंध्यवासिनी के दर्शन के बाद श्रद्धालुओं ने धाम की गलियों में सजी दुकानों से पूजन सामग्री और अन्य सामान खरीदा। पूरे क्षेत्र में मेला जैसा माहौल नजर आया।