NATIONAL HERALD : नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट आर.एस. चीमा ने राउज एवेन्यू कोर्ट में बड़ी दलील दी. उन्होंने स्पष्ट कहा कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को लेकर कांग्रेस की मंशा इसे बेचना नहीं, बल्कि आज़ादी की लड़ाई से जुड़ी इस ऐतिहासिक संस्था को फिर से सक्रिय करना था.
ईडी (ED) ने AJL का MOA कोर्ट में पेश क्यों नहीं किया
चीमा ने कहा कि AJL का मेमोरेंडम ऑफ असोसिएशन (MOA) साफ तौर पर बताता है कि यह संस्था भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की नीति के अनुरूप काम करती है और आजादी के बाद भी कभी लाभ कमाने वाली संस्था के रूप में नहीं चली. उन्होंने पूछा कि ईडी (ED) ने AJL का MOA कोर्ट में पेश क्यों नहीं किया.
ईडी पर पक्षपात का भी आरोप
राहुल गांधी के वकील ने ईडी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या महज किसी राजनीतिक व्यक्ति की शिकायत पर इतनी गंभीर जांच की जा सकती है? उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों में कोई पूर्व मिसाल नहीं है.
यंग इंडिया को लेकर गंभीर आरोप
प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, दिवंगत मोतीलाल वोरा, दिवंगत ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे और सैम पित्रोदा समेत यंग इंडिया कंपनी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने मात्र 90 लाख रुपये के बदले 90 करोड़ रुपये का कर्ज हथियाकर दो हजार करोड़ रुपये से अधिक की AJL संपत्ति पर नियंत्रण कर लिया.
‘एकतरफा और मनगढ़ंत कहानी पेश कर रही ED’
चीमा ने कोर्ट में कहा कि कांग्रेस पार्टी AJL को बंद नहीं करना चाहती थी, न ही उसकी संपत्ति बेचना चाहती थी. उन्होंने ईडी की ओर से पेश की गई कहानी को ‘एकतरफा और मनगढ़ंत’ करार दिया.
सोनिया गांधी की ओर से बहस हुई पूरी
सोनिया गांधी की ओर से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने बहस पूरी कर ली है. इससे पहले 3 जुलाई को ASG ने कहा था कि गांधी परिवार यंग इंडिया के मुख्य लाभार्थी हैं और बाकी शेयरधारकों की मृत्यु के बाद उन्होंने इस पर पूरा नियंत्रण कर लिया. अब इस बहुचर्चित मामले की अगली सुनवाई 7 जुलाई को राउज एवेन्यू कोर्ट में होगी.