Trump India Russia MEA Reaction : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत को लेकर जुर्माना लगाने की धमकी और रूस से तेल खरीद पर आपत्ति के बाद भारत ने कड़ा जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने स्पष्ट किया कि भारत-रूस संबंध मजबूत हैं और समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को कहा कि भारत की रक्षा आवश्यकताएं उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति और स्वतंत्र आकलन पर आधारित हैं, न कि किसी तीसरे देश के दबाव पर।
भारत-रूस साझेदारी मजबूत, अमेरिका के चश्मे से नहीं देखेंगे
रणधीर जायसवाल ने कहा,
“रूस भारत का समय की कसौटी पर खरा उतरने वाला साझेदार है। अलग-अलग देशों के साथ हमारे द्विपक्षीय रिश्ते हमारी स्वतंत्र नीति पर आधारित हैं और इसे किसी तीसरे देश के नजरिए से नहीं आंका जाना चाहिए।”
भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर भी भरोसा
ट्रंप के “Dead Economy” वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जायसवाल ने कहा,
“भारत-अमेरिका साझेदारी ठोस एजेंडे और साझा हितों पर आधारित है। हम लोकतांत्रिक मूल्यों, आर्थिक सहयोग और लोगों से लोगों के संबंधों को मजबूती देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
रूसी तेल आपूर्ति पर भी दिया जवाब
हाल ही में ऐसी रिपोर्ट्स आई थीं कि भारतीय कंपनियों ने रूसी तेल की आपूर्ति रोक दी है। इस पर विदेश मंत्रालय ने कहा:
“हम ऊर्जा आपूर्ति की जरूरतों को लेकर व्यावहारिक रुख अपनाते हैं और वैश्विक परिस्थितियों पर लगातार नजर रखते हैं। हमारे पास ऐसी किसी आपूर्ति रुकने की पुख्ता जानकारी नहीं है।”
गौरतलब है कि यूक्रेन युद्ध के बाद रूस भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बन गया है, और उसकी हिस्सेदारी 0.2% से बढ़कर 35-40% तक पहुंच गई है।
ईरान व्यापार और नोबेल बयान पर भी प्रतिक्रिया
ईरान के साथ व्यापार को लेकर अमेरिकी प्रतिबंधों पर भारत ने कहा कि वह इस पर विचार कर रहा है। वहीं ट्रंप को नोबेल पुरस्कार दिए जाने की मांग पर पूछे गए सवाल पर विदेश मंत्रालय ने कहा,
“यह सवाल व्हाइट हाउस से पूछा जाना चाहिए।”