Major success of Operation Mahadev : गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को संसद में ऑपरेशन महादेव को लेकर बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि श्रीनगर के महादेव पहाड़ी क्षेत्र में सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए तीनों आतंकी वही हैं, जिन्होंने 22 मई को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या की थी। शाह ने कहा कि आतंकियों की पहचान चार से पांच स्तरों पर जांच के बाद की गई और 100% पुष्टि वैज्ञानिकों द्वारा की गई है।
बैलेस्टिक रिपोर्ट से हुई अंतिम पुष्टि
अमित शाह ने कहा कि आतंकियों के पास से M-9 अमेरिकी राइफल और दो AK-47 बरामद हुईं, जिनसे मिले कारतूसों की जांच पहले से FSL में कराई गई थी। इसके बाद इन हथियारों को श्रीनगर से चंडीगढ़ भेजा गया, जहां रातभर फायरिंग कर खोखे जनरेट किए गए। फिर उन खोखों का मिलान पहलगाम हमले में बरामद खोखों से किया गया।
अमित शाह ने संसद में बताया कि सुबह 4:46 बजे वैज्ञानिकों ने फोन कर कहा कि 100 प्रतिशत वही गोलियां हैं जो पहलगाम हमले में चलाई गई थीं।
ह्युमन इंटेलिजेंस और एजेंसियों का संयोजन
गृहमंत्री ने बताया कि 22 मई से 22 जुलाई तक, सेना, CRPF, IB और जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीमें लगातार ऊंचाई वाले इलाकों में गश्त कर रहीं थीं ताकि आतंकियों के सिग्नल को कैप्चर किया जा सके। 22 जुलाई को इस प्रयास में सफलता मिली और आतंकियों को घेराबंदी कर मार गिराया गया।
NIA और ह्युमन एसेट्स से मिली पुष्टि
NIA ने जिन लोगों को आतंकियों को शरण देने के आरोप में पकड़ा था, उनमें से चार ने इन तीनों आतंकियों की पहचान की पुष्टि की। हालांकि सरकार ने केवल इस गवाही पर भरोसा नहीं किया, बल्कि तकनीकी और वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर पुष्टि की गई।
संसद में विपक्ष को जवाब
अमित शाह की यह विस्तृत जानकारी संसद के मानसून सत्र में दी गई, जब विपक्ष सरकार पर पहलगाम हमले के दोषियों पर कार्रवाई न होने का आरोप लगा रहा था। अमित शाह ने स्पष्ट किया कि सरकार ने आतंकियों को बख्शा नहीं है और देश की सुरक्षा में कोई समझौता नहीं होगा।
यह है ऑपरेशन महादेव की पूरी टाइमलाइन:
22 मई: पहलगाम हमला, 26 पर्यटकों की हत्या
22 मई – 22 जुलाई: एजेंसियों द्वारा आतंकियों का सिग्नल कैप्चर करने का प्रयास
22 जुलाई: महादेव पहाड़ियों में आतंकियों की मौजूदगी की पुष्टि
29 जुलाई तड़के: वैज्ञानिकों की पुष्टि के साथ ऑपरेशन महादेव की आधिकारिक पुष्टि
ऑपरेशन महादेव भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की सटीक योजना, तकनीकी दक्षता और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। संसद में गृहमंत्री की यह घोषणा देश को यह भरोसा दिलाती है कि आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत पीछे नहीं हटेगा।