Lunar Eclipse 2025 : 7 सितंबर 2025 की पूर्णिमा की रात को लगने वाला पूर्ण चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse 2025) बेहद खास होगा। यह ग्रहण लगभग 82 मिनट तक चलेगा और इस दौरान चंद्रमा लालिमा लिए हुए ब्लड मून में बदल जाएगा।
इस अनोखी खगोलीय घटना में एक ही साथ शनि ग्रह के छल्ले और नीला-हरा वरुण (Neptune) भी दिखाई देंगे। वैज्ञानिकों के लिए यह दुर्लभ पल होगा, वहीं ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं में भी इसका गहरा महत्व है।
🔭 खगोलीय अद्भुत संगम
चंद्रमा पृथ्वी की Umbra (आंतरिक छाया) में प्रवेश करेगा और लालिमा लिए ब्लड मून बनेगा।
शनि ग्रह चंद्रमा के पास चमकता दिखाई देगा और दूरबीन से इसके रिंग्स साफ देखे जा सकेंगे।
वरुण ग्रह भी हल्के नीले-हरे बिंदु के रूप में नजर आएगा।
🌌 ज्योतिषीय प्रभाव
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, चंद्र ग्रहण राहु-केतु की छाया से बनता है। यह मानसिक अस्थिरता, भ्रम और आत्ममंथन का समय माना गया है।
मीन (Pisces): मानसिक तनाव और करियर में बाधा।
कन्या (Virgo): पारिवारिक तनाव और निर्णय क्षमता में कमी।
मिथुन (Gemini): संबंधों और करियर में अनिश्चितता।
धनु (Sagittarius): यात्रा और आर्थिक मामलों में असमंजस।
🕉 धार्मिक मान्यता और सूतक
हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक शुरू हो जाता है।
इस दौरान भोजन बनाना, धार्मिक अनुष्ठान और पूजा वर्जित होती है।
ग्रहणकाल में मंत्र जाप, ध्यान और मौन साधना शुभ मानी जाती है।
✅ ग्रहण के बाद क्या करें ?
गंगाजल से स्नान और घर में छिड़काव।
दूषित भोजन त्यागकर नया भोजन बनाएं।
जरूरतमंदों को अन्न, कपड़े और धन का दान करें।
Q1. क्या चंद्र ग्रहण को नंगी आंखों से देखना सुरक्षित है?
👉 हां, यह पूरी तरह सुरक्षित है।
Q2. क्या सूतक काल में पूजा की जा सकती है ?
👉 पारंपरिक मान्यता में पूजा वर्जित है, लेकिन मंत्र जाप और ध्यान शुभ माने जाते हैं।
Q3. चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा क्या ?
👉 हां, यह भारत सहित एशिया, यूरोप, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया से दिखाई देगा।
यह Lunar Eclipse 2025 सिर्फ एक खगोलीय घटना नहीं बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा और आत्ममंथन का अद्भुत अवसर है।