हाइलाइट्स:
आईसीसी हर बुधवार को जारी करती है नई रैंकिंग
खिलाड़ियों को 0 से 1000 के बीच मिलते हैं रेटिंग पॉइंट्स
प्रदर्शन, विरोधी टीम की ताकत और मैच की परिस्थिति जैसे कई फैक्टर होते हैं शामिल
रैंकिंग का पूरा गणित एल्गोरिदम के आधार पर चलता है
ICC Ranking कैसे तय करती है ICC ?
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) हर बुधवार को पुरुष खिलाड़ियों की नई रैंकिंग जारी करती है। चाहे बल्लेबाज हो या गेंदबाज, हर खिलाड़ी को 0 से 1000 रेटिंग पॉइंट्स के पैमाने पर आंका जाता है। यही पॉइंट्स उसकी रैंकिंग तय करते हैं।
ICC रैंकिंग का फॉर्मूला क्या है ?
ICC की रैंकिंग एक विशेष एल्गोरिदम और अंक प्रणाली (Points-Based Algorithm) पर आधारित होती है, जिसमें निम्न बातों का ध्यान रखा जाता है:
- व्यक्तिगत प्रदर्शन – खिलाड़ी ने कितने रन बनाए या विकेट लिए।
- विपक्षी टीम की ताकत – अगर खिलाड़ी ने टॉप रैंक टीम के खिलाफ बेहतर प्रदर्शन किया, तो ज्यादा पॉइंट्स मिलते हैं।
- मैच की परिस्थिति – अगर मुश्किल पिच या कंडीशन में रन बनाए या विकेट लिए, तो एल्गोरिदम अधिक रेटिंग देता है।
- मैच पर प्रदर्शन का असर – खिलाड़ी के प्रदर्शन ने मैच के नतीजे में कितना योगदान दिया, यह भी पॉइंट्स पर असर डालता है।
रेटिंग पॉइंट्स का क्या मतलब होता है ?
रेटिंग पॉइंट्स | क्या दर्शाता है? |
---|---|
500+ | औसत से बेहतर प्रदर्शन |
750+ | टॉप-10 में शामिल होना लगभग तय |
900+ | बेहद दुर्लभ, ऑल-टाइम ग्रेट प्रदर्शन |
रैंकिंग कौन तय करता है ?
ICC की रैंकिंग किसी इंसान द्वारा नहीं बल्कि स्वचालित कंप्यूटर एल्गोरिदम द्वारा तय होती है। इसमें कोई भावना या पक्षपात नहीं होता। एल्गोरिदम खुद आंकड़ों का विश्लेषण करके यह तय करता है कि किस खिलाड़ी को कितने पॉइंट्स मिलने चाहिए।
एक उदाहरण से समझिए:
भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज में शुभमन गिल ने सबसे ज्यादा रन (754) बनाए, लेकिन फिर भी वह टॉप-10 से बाहर हो गए। वहीं, यशस्वी जायसवाल, जिन्होंने कम रन बनाए, लेकिन मुश्किल परिस्थितियों में रन बनाए थे, उन्हें ज्यादा रेटिंग मिली और वह टॉप-5 में पहुंच गए।