HINDI-MARATHI LANGUAGE DISPUTE : महाराष्ट्र में हिंदी और मराठी भाषा को लेकर बढ़ते विवाद के बीच अभिनेता अन्नू कपूर ने एक सख्त और संतुलित बयान देकर सबका ध्यान खींचा है। चंडीगढ़ में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में अन्नू कपूर ने स्पष्ट कहा कि भाषा के नाम पर हिंसा असंवैधानिक और निंदनीय है, और जो लोग इसमें लिप्त हैं, उन्हें सख्त सजा मिलनी चाहिए, चाहे वह राज ठाकरे हों, बाल ठाकरे हों या कोई और।
अन्नू कपूर ने कहा, “अगर कोई देश के किसी हिस्से में आजीविका के लिए बसता है, तो स्थानीय संस्कृति और भाषा का सम्मान करना उसका कर्तव्य है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कोई भाषा नहीं बोलने पर किसी को मारा-पीटा जाए। हिंसा पूरी तरह गैरकानूनी है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा, “भाषा किसी की जबरदस्ती नहीं हो सकती, यह अधिकार है। भारत विविधताओं का देश है और हमें पूरे तिरंगे को देखना चाहिए — न कि केवल किसी एक रंग को।”
इस दौरान अभिनेता ने याद किया कि पिछले साल एक फिल्म को लेकर उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी, जिसके चलते महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें सुरक्षा भी प्रदान की थी।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा बनाने के फैसले से विवाद शुरू हुआ था। हालांकि सरकार ने बाद में यह निर्णय वापस ले लिया। लेकिन इसके बावजूद मुंबई और पुणे में मराठी बोलने से इनकार करने वाले लोगों के खिलाफ मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा की गई हिंसक घटनाओं ने माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया है।
अन्नू कपूर का यह बयान भाषा की राजनीति करने वालों को सीधा संदेश देता है कि कानून के खिलाफ कोई भी गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए, चाहे वह किसी भी विचारधारा से जुड़ा हो।