The habit of tossing and turning all night prevents proper sleep: अगर आपकी रात करवटें बदलते हुए गुजरती है, नींद बार-बार टूटती है या सुबह उठने पर भी थकान महसूस होती है, तो इसे नजरअंदाज करना आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये सिर्फ थकान या तनाव नहीं, बल्कि नींद की गहरी समस्या और उससे जुड़ी कई बीमारियों का संकेत हो सकता है।
करवटें बदलने की आदत क्यों है खतरनाक ?
लगातार करवटें बदलते रहना इस बात का संकेत हो सकता है कि आपकी नींद गहरी नहीं है या आप स्लीप डिसऑर्डर का शिकार हो रहे हैं। यह स्थिति हार्मोनल असंतुलन, विशेषकर हाइपोथायरायडिज्म की ओर भी इशारा कर सकती है। इस स्थिति में थायरॉइड ग्रंथि सही मात्रा में हार्मोन नहीं बनाती, जिससे बेचैनी, थकान और नींद की दिक्कत होती है।
नींद न आने के कारण हो सकते हैं:
तनाव और चिंता
खराब लाइफस्टाइल और देर रात तक मोबाइल या लैपटॉप का इस्तेमाल
हार्मोनल गड़बड़ी
शारीरिक या मानसिक थकावट
खराब खानपान
नींद न आने के नुकसान क्या हैं ?
- वजन बढ़ना और ब्लड प्रेशर का बढ़ना: नींद पूरी न होने पर मेटाबॉलिज्म पर असर पड़ता है जिससे वजन तेजी से बढ़ने लगता है। साथ ही ब्लड प्रेशर भी असंतुलित हो सकता है।
- इम्यून सिस्टम पर असर: नींद की कमी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देती है, जिससे आप जल्दी बीमार पड़ सकते हैं
- मानसिक सेहत पर असर: नींद पूरी न होने से चिड़चिड़ापन, एंग्जायटी, डिप्रेशन और एकाग्रता की कमी जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
- स्किन डैमेज: नींद के दौरान त्वचा खुद को रिपेयर करती है। नींद की कमी से डार्क सर्कल, झुर्रियां और डल स्किन की समस्या होती है।
- दिल की बीमारियों का खतरा: बार-बार नींद टूटने से हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जैसे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हाइपरटेंशन।
- पाचन तंत्र पर असर: नींद की कमी से गट हेल्थ बिगड़ती है, जिससे पेट खराब, गैस, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
कैसे सुधारें नींद की गुणवत्ता ?
रात को सोने से 1 घंटे पहले मोबाइल और लैपटॉप का इस्तेमाल बंद करें
सोने का एक निश्चित समय तय करें और उसी के अनुसार रूटीन बनाएं
कैफीन और भारी भोजन से बचें
मेडिटेशन और ब्रीदिंग एक्सरसाइज अपनाएं
कमरे को शांत और अंधेरा बनाएं
अगर आपको भी रात में बार-बार नींद टूटती है या आप करवटें बदलते रहते हैं, तो इसे हल्के में न लें। यह आपकी सेहत के लिए एक वॉर्निंग साइन हो सकता है। बेहतर होगा कि आप सही रूटीन अपनाएं और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से सलाह लें।