INCOME TAX RETURN : देशभर में इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइलिंग का सिलसिला जोरों पर है। इस बार आईटीआर फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर, 2025 कर दी गई है। हालांकि, लेट फाइलिंग करने वालों के लिए अंतिम मौका 31 दिसंबर, 2025 तक है, वह भी पेनाल्टी और ब्याज के साथ।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अनुसार 1 जुलाई तक 75 लाख से ज्यादा रिटर्न फाइल हो चुके हैं, जिनमें से 71 लाख से अधिक रिटर्न वेरिफाई किए जा चुके हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि रिफंड कब मिलेगा?
10 दिनों में मिल सकता है रिफंड
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले ही स्पष्ट किया है कि प्रोसेस में ऑटोमेशन और सुधार की वजह से अधिकतर मामलों में रिफंड 10 दिनों के भीतर जारी किया जा रहा है। हालांकि, हर केस की स्थिति अलग होती है, इसलिए कुछ मामलों में समय ज्यादा भी लग सकता है।
किन कारणों से रिफंड में हो सकती है देरी ?
ई-वेरिफिकेशन न करना: ITR फाइल करने के बाद उसे ई-वेरिफाई करना अनिवार्य है।
पैन और आधार लिंक न होना: यह न हो तो रिफंड रोका जा सकता है।
TDS डिटेल में गड़बड़ी: फॉर्म 26AS से मैच न करने पर रिटर्न अटक सकता है।
बैंक डिटेल की गलती: IFSC कोड या अकाउंट नंबर गलत होने पर भी रिफंड रोका जा सकता है।
IT विभाग के नोटिस का जवाब न देना: अगर विभाग ने कोई ईमेल या नोटिस भेजा है और उसका जवाब नहीं दिया गया, तो रिटर्न प्रोसेस में देर हो सकती है।
इसकाध्यान रखें:
सिर्फ ITR फाइल करना काफी नहीं है। उसका ई-वेरिफिकेशन जरूरी है जिसे आधार OTP, नेट बैंकिंग या अन्य डिजिटल तरीकों से आसानी से किया जा सकता है।
स्टेटस जरूर चेक करें:
अगर आपने सही समय पर ITR फाइल किया है, सभी जानकारियां सही हैं और ई-वेरिफिकेशन भी पूरा कर लिया है, तो आमतौर पर 10 दिनों के भीतर रिफंड की रकम आपके बैंक खाते में आ सकती है। फिर भी अपडेट्स के लिए इनकम टैक्स पोर्टल पर लॉगिन कर अपना स्टेटस जरूर चेक करते रहें।