NEW DELHI/BEIJING – ईरान पर अमेरिका की हालिया सैन्य कार्रवाई से चीन ने कड़ा ऐतराज जताया है। चीनी सरकारी मीडिया CGTN के माध्यम से बीजिंग ने अमेरिका को साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि वह मिडिल ईस्ट में अपनी पुरानी रणनीतिक भूलों को दोहराने से बचे। चीन ने इस कदम को 2003 के इराक युद्ध जैसी ऐतिहासिक भूलों की पुनरावृत्ति बताया है।
चीन ने अमेरिका के हवाई हमले को एक “बेहद खतरनाक मोड़” करार दिया और कहा कि यह क्षेत्रीय अस्थिरता और लंबे समय तक चलने वाले संघर्ष को जन्म देगा। बीजिंग ने ज़ोर दिया कि मध्य पूर्व में सैन्य हस्तक्षेप के बजाय बातचीत और कूटनीतिक समाधान को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
इस बयान के बीच, अमेरिका ने छह B-2 बॉम्बर विमान गुआम एयरबेस पर तैनात कर दिए हैं, जो इस तनावपूर्ण स्थिति को और गंभीर बना सकते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका इजरायल के साथ मिलकर इस संघर्ष में सीधे तौर पर शामिल होना चाहता है।
चीन ने दोहराया कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता लाने का एकमात्र रास्ता संवाद और संतुलित कूटनीति है, न कि सैन्य बल का प्रदर्शन।
मध्य पूर्व की भट्ठी में एक और चिंगारी, यह संकट वैश्विक शक्तियों के आमने-सामने आने की आशंका को और बढ़ा रहा है।