Harivansh Narayan Met the President : हरिवंश नारायण की राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद अटकलें तेज, क्या मिल सकती है उपराष्ट्रपति की बड़ी जिम्मेदारी ?

Harivansh Narayan Met the President : जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद देश में नए उपराष्ट्रपति को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। इस्तीफे के महज 24 घंटे के भीतर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की, जिससे राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। क्या हरिवंश को उपराष्ट्रपति पद की बड़ी जिम्मेदारी मिलने जा रही है?

राष्ट्रपति भवन की ओर से मंगलवार को इस मुलाकात की तस्वीर साझा की गई, जिसमें हरिवंश नारायण राष्ट्रपति मुर्मू से भेंट करते नजर आ रहे हैं। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर साझा इस पोस्ट में लिखा गया, “राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।”

सूत्रों की मानें तो जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद हरिवंश नारायण सिंह कार्यवाहक सभापति की भूमिका में राज्यसभा की कार्यवाही का संचालन कर रहे हैं। संसद के मानसून सत्र के पहले दिन (22 जुलाई) उन्होंने उच्च सदन की कार्यवाही संभाली। ऐसे में माना जा रहा है कि उनके पास प्रशासनिक अनुभव और संतुलित छवि को देखते हुए उन्हें उपराष्ट्रपति बनाए जाने पर गंभीरता से विचार हो सकता है।

विपक्ष ने धनखड़ के इस्तीफे पर जताई हैरानी

धनखड़ ने सोमवार को अपने इस्तीफे में स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया था, लेकिन विपक्ष इस दावे पर सवाल खड़े कर रहा है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, “सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि उपराष्ट्रपति ने इस्तीफा क्यों दिया। इस्तीफे में उन्होंने सरकार का आभार जताया है, लेकिन सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।”

वहीं कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी संदेह जताते हुए कहा, “धनखड़ का इस्तीफा बेहद चौंकाने वाला है। उन्होंने इसे स्वास्थ्य से जोड़ा है, लेकिन इसके पीछे कुछ और गंभीर कारण छुपे हो सकते हैं।”

क्या हरिवंश बन सकते हैं अगला उपराष्ट्रपति ?

राज्यसभा के उपसभापति रहते हुए हरिवंश नारायण सिंह ने कई बार सदन को निष्पक्षता और गरिमा के साथ संचालित किया है। उनका गैर-विवादित राजनीतिक करियर और पत्रकारिता की पृष्ठभूमि उन्हें इस पद के लिए एक मजबूत दावेदार बनाती है। अगर एनडीए उन्हें आगे करता है, तो विपक्ष के लिए भी उनका विरोध करना सहज नहीं होगा।

अब सभी की निगाहें राष्ट्रपति भवन और सत्तारूढ़ गठबंधन की अगली घोषणा पर टिकी हैं। क्या हरिवंश नारायण सिंह अगले उपराष्ट्रपति होंगे? इसका जवाब जल्द सामने आ सकता है।

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