Gaza Israeli Attack Effects : इजरायल और हमास के बीच 21 महीने से जारी युद्ध ने गाजा को पूरी तरह तबाही की ओर धकेल दिया है। रविवार को उत्तरी गाजा में संयुक्त राष्ट्र की राहत सामग्री का इंतजार कर रहे सैकड़ों लोगों पर हुई इजरायली गोलीबारी में 67 फिलीस्तीनियों की मौत हो गई। मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस घटना की पुष्टि करते हुए इसे एक मानवीय त्रासदी बताया। वहीं इजरायली सेना ने सफाई दी कि गोलीबारी “सुरक्षा खतरे” के संदेह में चेतावनी के तौर पर की गई और राहत ट्रकों को निशाना नहीं बनाया गया।
भूख की मार : हालात बेकाबू
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी WFP (वर्ल्ड फूड प्रोग्राम) के अनुसार, उनके 25 ट्रकों का काफिला जैसे ही गाजा में दाखिल हुआ, राहत पाने को बेताब भूखी भीड़ उस पर टूट पड़ी। उसी दौरान गोलीबारी हुई। गाजा के नागरिकों का कहना है कि अब आटा, पानी और दवाइयों जैसी बुनियादी चीजें मिलना लगभग असंभव हो गया है।
गाजा में हालात इतने खराब हैं कि पिछले 24 घंटे में 18 लोगों की भूख से मौत हो चुकी है जबकि 71 बच्चे कुपोषण से जान गंवा चुके हैं। लगभग 60 हजार बच्चे गंभीर कुपोषण के शिकार हैं।
कैथोलिक चर्च पर हमला, पोप की निंदा
गाजा स्थित कैथोलिक चर्च पर भी हाल में हमला हुआ जिसमें तीन लोगों की जान गई। इस हमले की पोप फ्रांसिस ने कड़ी निंदा करते हुए युद्ध को “बर्बरता की हद” बताया और तत्काल युद्धविराम की अपील की।
विस्थापन और तबाही: आंकड़े भयावह
गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक 58,000 से अधिक फिलीस्तीनियों की मौत हो चुकी है और लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं। शहर के कई इलाके खंडहर बन चुके हैं और दीर अल-बलाह जैसे क्षेत्रों में इजरायली सेना द्वारा पर्चे गिराकर लोगों को क्षेत्र खाली करने की चेतावनी दी जा रही है।
सीजफायर वार्ता अधर में
कतर में इजरायल और हमास के बीच 60-दिवसीय संघर्षविराम और बंधक समझौते पर बातचीत चल रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकला है। इसी बीच रविवार को गाजा सीमा के पास फिर कई धमाकों की आवाजें सुनाई दीं। इजरायली सेना ने संकेत दिया है कि सैन्य अभियान तब तक जारी रहेंगे जब तक कि उन्हें “पूर्ण सुरक्षा” का भरोसा न मिल जाए।
मानवीय संगठनों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बार-बार यह अपील की जा रही है कि वे तत्काल हस्तक्षेप करें, ताकि गाजा को भुखमरी, हिंसा और विनाश से उबारा जा सके।