Flood In Varanasi : सावन की श्रद्धा के बीच काशी इस समय बाढ़ की त्रासदी से जूझ रही है। गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ते हुए चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर के बेहद करीब 70.14 मीटर तक पहुंच गया है। जलस्तर में हल्की गिरावट आने के बावजूद दोबारा वृद्धि और कटान की आशंका बनी हुई है।
रविवार और सोमवार को मणिकर्णिका घाट की गलियों में गंगा का पानी भर गया, जहां पूरे दिन नावें चलती रहीं। अंतिम संस्कार के लिए शव नावों से लाए गए और कई स्थानों पर छतों पर ही अंतिम क्रिया की गई।
मुख्य बिंदु:
गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से सिर्फ 14 सेमी दूर
मणिकर्णिका घाट की गलियों में नावें, छतों पर अंतिम संस्कार
248 परिवार प्रभावित, 10 राहत शिविरों में 1203 लोग ठहरे
वाराणसी के कई निचले मोहल्लों में पानी घुसा
चिरईगांव की 50 एकड़ फसल डूबी, परिवारों को किया गया सुरक्षित
बाढ़ का असर वाराणसी के सलारपुर, सरैयां, नक्खीघाट, ढेलवरिया, दनियालपुर, हुकुलगंज और बड़ी बाजार जैसे शहरी इलाकों में दिखाई दे रहा है, जहां कुल 248 परिवार बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और 1203 लोगों को अपने घर छोड़कर राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है।
केंद्रीय जल आयोग की बाढ़ बुलेटिन के अनुसार, जलस्तर में अभी एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गिरावट हो रही है, लेकिन कटाव और पलट प्रवाह की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। काशी के उत्तर में वरुणा और दक्षिण में असि नदियों के किनारे बसे सामनेघाट क्षेत्र के 300 से ज्यादा भवन पानी से घिर चुके हैं।
2013 की बाढ़ की पुनरावृत्ति की आशंका जताई जा रही है, क्योंकि अब पानी रसोई तक पहुंचने लगा है।
ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति:
चिरईगांव के छितौना ताल क्षेत्र में बाढ़ का पानी भरने से रामपुर गांव की करीब 50 एकड़ फसल जलमग्न हो गई है। प्रशासन ने तत्काल राहत कार्रवाई करते हुए नायब तहसीलदार सुरेखा वर्मा के नेतृत्व में 24 पशुपालकों को भूसा मुहैया कराया और लालजी प्रसाद के परिवार के आठ सदस्यों को सुरक्षित निकाल कर प्राथमिक विद्यालय रामपुर में आश्रय दिलाया।
प्रशासन अलर्ट पर है और राहत कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। स्थानीय लोगों से अपील की गई है कि वो गंगा घाटों और बाढ़ग्रस्त इलाकों की ओर न जाएं और जरूरत पड़ने पर प्रशासन से संपर्क करें।