Flood In Ballia : उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में टोंस नदी का लगातार बढ़ता जलस्तर अब तबाही का रूप ले चुका है। चितबड़ागांव नगर पंचायत और आसपास के गांवों में जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। बीते कई दिनों से जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिसके चलते सड़कों, घरों और आम जीवन पर गंभीर असर पड़ा है।
निचले इलाके जलमग्न, संपर्क टूटा
नदी का पानी कई निचले इलाकों में घुस चुका है। नगवा गई, अख्तियारपुर, बिबीपुर, बरवलिया, टिकरी और मजूरपुर जैसे गांवों का नगर पंचायत से संपर्क पूरी तरह टूट गया है। इन गांवों को जोड़ने वाली मुख्य सड़क जलमग्न हो चुकी है, जिससे आवागमन और संचार दोनों ठप हैं।
चितेश्वर नगर वार्ड के दर्जनों घरों में पानी भर गया है। लोग छतों पर शरण लेने को मजबूर हैं। बाढ़ के पानी से मलेरिया, डेंगू और अन्य जलजनित बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है।
धार्मिक स्थल भी डूबे, पूजा-पाठ बंद
बाढ़ का असर माधव ब्रह्म बाबा धार्मिक स्थल पर भी पड़ा है। यह स्थान पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है, जिससे पूजा-अर्चना और धार्मिक गतिविधियां ठप हो गई हैं।
प्रशासन की सफाई—कागजों तक सीमित ?
नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी सुरेश कुमार मौर्य का कहना है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सफाई कार्य और विशेष टीमें तैनात की गई हैं। प्रशासन सतर्क है और बीमारियों को रोकने के प्रयास कर रहा है, उन्होंने कहा।
हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि जमीनी हालात प्रशासन के दावों से बिल्कुल अलग हैं।
मनपुर के भीसापार गांव की बदहाल स्थिति
मनपुर ग्राम पंचायत के भीसापार गांवमें हालात और भी खराब हैं। यहां के लोग घर डूबने के बाद छतों पर अस्थायी टेंट लगाकर रह रहे हैं। उनका आरोप है कि प्रशासन पूरी तरह लापरवाह है—न कोई सफाई कर्मचारी नजर आ रहा है, न ही कोई चिकित्सकीय सुविधा।
ग्राम पंचायत अधिकारी प्रभात कुमार ने दावा किया कि एक महीने पहले नावों की व्यवस्था की गई थी और सफाई के निर्देश भी दिए गए थे, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि ये सब सिर्फ कागजों पर है।
बढ़ती चिंता और नाराज़गी
बाढ़ का पानी लगातार बढ़ रहा है और राहत के नाम पर अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। बच्चे, बुजुर्ग और बीमार लोग सबसे ज्यादा परेशान हैं। लोग स्वास्थ्य शिविर, भोजन, पीने का पानी और साफ-सफाई की व्यवस्था की मांग कर रहे हैं।
जरूरत है तत्काल राहत कार्यों की
यह संकट तत्काल संगठित राहत कार्यों और प्रशासनिक सक्रियता की मांग करता है:
राहत और बचाव अभियान तेज हों
खाद्य सामग्री, पीने का पानी और मेडिकल किट का वितरण हो
बीमारियों को रोकने के लिए स्वास्थ्य टीमों की तैनाती जरूरी है
प्रशासन पारदर्शी तरीके से सूचनाएं साझा करे