fake gold loan fraud : बैंक में नकली सोना गिरवी रखकर 88 लाख की ठगी, 10 साल बाद दो आरोपी गिरफ्तार, EOW ने किया बड़ा खुलासा

fake gold loan fraud : भदोही बैंक घोटाला – नकली सोना गिरवी रखकर 88 लाख की ठगी, 10 साल बाद दो आरोपी गिरफ्तार

fake gold loan fraud : उत्तर प्रदेश की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने एक पुराने बैंक फ्रॉड केस में बड़ी कार्रवाई की है। *नकली सोना गिरवी रखकर 88.32 लाख रुपये की ठगी करने वाले दो आरोपियों को ईओडब्लू लखनऊ और सेक्टर वाराणसी की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान लक्सा थाना क्षेत्र के जद्दु मण्डी निवासी रविशंकर वर्मा और चंदौली के मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के भोजपुर रतनपुर निवासी संतोष सेठ के रूप में हुई है।

2015 में हुआ था खुलासा, 26 आरोपी आए थे जांच के दायरे में

यह मामला वर्ष 2015 में भदोही के भारतीय स्टेट बैंक (SBI) शाखा से सामने आया था। आरोपियों ने बैंक की एग्री गोल्ड लोन स्कीम के तहत नकली सोने के आभूषण गिरवी रखकर 88.32 लाख रुपये का लोन प्राप्त किया था।

जांच में सामने आया कि आरोपियों ने बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी टेस्टिंग सर्टिफिकेट (मेसर्स श्री कृष्णा गोल्डवार टेस्ट लैब, वाराणसी) बनवाया था। इसके अलावा फर्जी खतौनी और नकली सोना को गिरवी रखकर लोन लिया गया था।

जब बैंक को ठगी का पता चला तो तत्कालीन शाखा प्रबंधक ने थाना भदोही में मुकदमा दर्ज कराया।

EOW ने फिर से सक्रिय की जांच, दो आरोपी अब हवालात में

मामले की विवेचना के दौरान ईओडब्लू ने 26 लोगों के खिलाफ ठोस सबूत जुटाए थे। इनमें से 14 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी थी, जबकि शेष की तलाश जारी थी।

अब दस साल बाद, रविशंकर वर्मा और संतोष सेठ को गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों को पूछताछ के लिए लखनऊ मुख्यालय लाया गया है, जहां उनसे अन्य आरोपियों और बैंक कर्मचारियों की संलिप्तता को लेकर पूछताछ जारी है।

क्या है एग्री गोल्ड लोन स्कीम

भारतीय स्टेट बैंक की एग्री गोल्ड लोन स्कीम किसानों को उनके कृषि से जुड़े कार्यों के लिए डिमांड लोन, कैश क्रेडिट, ओवरड्राफ्ट, पार्ट टर्म और लॉन्ग टर्म लोन के रूप में आर्थिक सहायता प्रदान करती है।

लेकिन इस स्कीम का दुरुपयोग करते हुए आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज़ों और नकली सोने के आभूषणों के ज़रिए लाखों रुपये का कर्ज़ ले लिया था।

EOW की कार्रवाई से हलचल

ईओडब्लू के अधिकारियों का कहना है कि यह मामला बैंक और वित्तीय संस्थानों में लोन फ्रॉड के बड़े मामलों में से एक है। गिरफ्तारी के बाद उम्मीद है कि बाकी फरार आरोपियों तक भी जल्द पहुंच बनाई जाएगी।

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