Dhanteras 2025 shopping : Dhanteras 2025 पर देशभर में लोगों ने महंगाई को दरकिनार करते हुए जमकर खरीदारी की। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के शुरुआती अनुमानों के अनुसार, इस बार धनतेरस पर कुल खरीदारी 1 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गई। इसमें सोने और चांदी का कारोबार ही 60,000 करोड़ रुपये से अधिक का रहा।
Dhanteras का पर्व भारतीय संस्कृति में समृद्धि और शुभता का प्रतीक माना जाता है। इस दिन लोग सोना, चांदी, बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक सामान, वाहन, देवी-देवताओं की मूर्तियां, और पूजा सामग्री जैसी चीजें खरीदना शुभ मानते हैं।
💰 सोने-चांदी का बाजार रहा गुलजार
CAIT के अनुसार, सोना-चांदी के दामों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी के बावजूद खरीदारों ने जमकर निवेश किया।
सोना पिछले साल के ₹80,000 प्रति 10 ग्राम से बढ़कर इस साल ₹1,30,000 प्रति 10 ग्राम पहुंच गया — लगभग 60% की वृद्धि।
चांदी ₹98,000 प्रति किलोग्राम से बढ़कर ₹1,80,000 प्रति किलोग्राम हो गई — करीब 55% की बढ़त।
इसके बावजूद Dhanteras पर बाजारों में अभूतपूर्व भीड़ देखी गई। दिल्ली के सर्राफा बाजारों में ही ₹10,000 करोड़ से अधिक की बिक्री दर्ज की गई, जो पिछले साल की तुलना में 25 गुना अधिक है।
🛍️ दूसरी कैटेगरीज में भी भारी खरीदारी
CAIT ने बताया कि इस बार Dhanteras पर सिर्फ सोना-चांदी ही नहीं, बल्कि अन्य श्रेणियों में भी लोगों ने खुलकर खर्च किया —
| श्रेणी | अनुमानित कारोबार (₹ करोड़ में) |
|---|---|
| सोना-चांदी | 60,000 |
| किचनवेयर और बर्तन | 15,000 |
| इलेक्ट्रॉनिक्स (मोबाइल, लैपटॉप, गैजेट्स) | 10,000 |
| डेकोरेटिव आइटम्स, दीये, पूजा सामग्री | 3,000 |
| सूखे मेवे, मिठाइयां, कपड़ा, वाहन आदि | 12,000 |
| कुल अनुमानित कारोबार | 1,00,000+ |
‘वोकल फॉर लोकल’ से बढ़ा लोकल कारोबार
CAIT के सेक्रेट्री जनरल प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि इस साल की रिकॉर्ड खरीदारी का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को जाता है।
GST सुधारों और लोकल स्तर पर बने उत्पादों की मांग बढ़ने से छोटे कारोबारियों, कारीगरों और व्यापारियों को बड़ा फायदा हुआ है।
उन्होंने बताया कि पारंपरिक बाजारों के साथ-साथ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर भी जबरदस्त खरीदारी देखने को मिली। इससे यह साबित होता है कि भारतीय उपभोक्ता अब डिजिटल और लोकल दोनों बाजारों में सक्रिय रूप से जुड़ चुके हैं।
Dhanteras 2025 ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारतीय बाजार की मजबूती और उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति अब भी बरकरार है। महंगाई के दौर में भी लोगों ने शुभ दिन पर खर्च करने की परंपरा को कायम रखा और कारोबारियों के चेहरों पर मुस्कान ला दी।