Dev Deepawali 2025: लाखों दीयों से जगमगाएंगे काशी के घाट, 3D लेजर और फायर क्रैकर्स शो बनाएंगे उत्सव को खास

Dev Deepawali 2025 : भव्य दीपोत्सव के बाद अब वाराणसी में देव दीपावली (Dev Deepawali) की तैयारियां जोरों पर हैं। महादेव की नगरी काशी एक बार फिर रोशनी, श्रद्धा और तकनीक के अनोखे संगम का साक्षी बनने जा रही है। इस बार देव दीपावली 2025 पर गंगा तटों पर करीब 25 लाख दीये जलाए जाएंगे, जिससे पूरा शहर दिव्यता की आभा में नहाएगा।

उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि विभाग का लक्ष्य है कि “देवों की दिवाली” Dev Deepawali हर आगंतुक के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बने।

3D प्रोजेक्शन मैपिंग और लेजर शो का भव्य आयोजन

पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने जानकारी दी कि 03 से 05 नवंबर 2025 तक चेत सिंह घाट और गंगा द्वार पर अत्याधुनिक 3D प्रोजेक्शन मैपिंग और लेजर शो का आयोजन होगा।
इस मनमोहक प्रस्तुति में गंगा, काशी और देव दीपावली (Dev Deepawali) की पौराणिक कथा को 25 मिनट के अनुभवात्मक शो के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें 17 मिनट की प्रोजेक्शन मैपिंग और 08 मिनट का लेजर शो शामिल होगा।

उन्होंने बताया कि प्रोजेक्शन मैपिंग के जरिए भगवान शिव, गंगा और वाराणसी की आध्यात्मिक कहानी को दीवारों और घाटों पर उकेरा जाएगा। हिंदी में संवादों के साथ दर्शकों को पौराणिक कथाओं का भावपूर्ण अनुभव कराया जाएगा।

25 लाख दीयों से जगमगाएंगे घाट

इस वर्ष वाराणसी के 84 घाटों पर लगभग 25 लाख दीपक जलाए जाएंगे। इनमें 10 लाख दीये उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से और शेष स्थानीय समितियों व नागरिकों के सहयोग से जलाए जाएंगे।
दीयों की सुनहरी आभा से गंगा तट का हर कोना आलोकित होगा और पूरा शहर दिव्य प्रकाश से नहाएगा।

10 मिनट का कोरियोग्राफ्ड फायर क्रैकर्स शो

दीयों के साथ ही काशी के आकाश में रंग-बिरंगी रोशनी बिखेरने वाला फायर क्रैकर्स शो भी आयोजित होगा।
करीब 1.5 किलोमीटर तक फैले इस प्रदर्शन में 10 मिनट तक 200 मीटर ऊंचाई तक चमकदार आतिशबाजी की जाएगी।
यह ग्रीन फायर क्रैकर्स और कंप्यूटर-कोरियोग्राफ्ड तकनीक पर आधारित शो होगा, जो पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरेगा।

‘गंगा महोत्सव’ 01 से 04 नवंबर तक

पर्यटन सूचना अधिकारी नितिन कुमार द्विवेदी ने बताया कि देव दीपावली से पहले 01 से 04 नवंबर तक ‘गंगा महोत्सव’ का आयोजन होगा।
इसमें स्थानीय और राष्ट्रीय कलाकारों द्वारा संगीत, नृत्य और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जाएंगी।
इसके साथ ही घाटों की सफाई, सौंदर्यीकरण और लाइटिंग का कार्य भी युद्ध स्तर पर चल रहा है।

सुरक्षा और व्यवस्थाओं की व्यापक तैयारी

इस वर्ष देव दीपावली (Dev Deepawali) पर 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं और पर्यटकों के वाराणसी आने की संभावना है।
भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षा, यातायात नियंत्रण, पार्किंग, जलपान और आपात सेवाओं की व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं ताकि हर आगंतुक को सुगम व सुरक्षित अनुभव मिल सके।

काशी में संस्कृति और तकनीक का अद्भुत संगम

देव दीपावली (Dev Deepawali) 2025 में परंपरा, आस्था और आधुनिक तकनीक का अनोखा मेल देखने को मिलेगा।
जहां गंगा तट पर दीयों की दिव्यता होगी, वहीं लेजर लाइट और प्रोजेक्शन मैपिंग आधुनिकता का आभास कराएंगे।
यह आयोजन न केवल काशी की आध्यात्मिक पहचान को नया आयाम देगा बल्कि उत्तर प्रदेश के पर्यटन को वैश्विक पहचान दिलाने में भी अहम भूमिका निभाएगा।

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