Wooden Toy Industry Varanasi : डॉ. ‘दयालु’ ने वाराणसी के लकड़ी के खिलौना उद्योग से किया संवाद, कारीगरों को ई-कॉमर्स व मार्केटिंग सहायता का भरोसा

Wooden Toy Industry Varanasi : आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने बुधवार को वाराणसी के पारंपरिक लकड़ी के खिलौना उद्योग से जुड़े कारीगरों, लघु उद्यमियों और व्यापारिक प्रतिनिधियों से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने कारीगरों को सरकार की ओर से हरसंभव मार्केटिंग सहायता और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जोड़ने का आश्वासन दिया।

मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ के विजन के अनुरूप वाराणसी का Wooden Toy उद्योग देश और विदेश में अपनी एक अलग पहचान बना सकता है।

Wooden Toy बने लोकधरोहर और रोजगार का साधन

डॉ. मिश्र ने कहा कि वाराणसी का लकड़ी का खिलौना उद्योग केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि यह लोककलात्मक धरोहर है जो ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में रोजगार का मजबूत स्रोत बना हुआ है। उन्होंने कारीगरों से कहा कि पारंपरिक डिजाइनों में आधुनिकता का समावेश कर उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ब्रांड के रूप में स्थापित करने की जरूरत है।

GI टैग और गुणवत्ता मानक पर दिया जोर

मंत्री ने GI टैग (Geographical Indication Tag) के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह न केवल उत्पाद की पहचान बढ़ाता है बल्कि उसके मूल्य को भी कई गुना बढ़ा देता है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा कारीगरों को GI टैग और गुणवत्ता प्रमाणन की प्रक्रिया में सहयोग प्रदान किया जाएगा, जिससे बाजार में उत्पादों की मांग और विश्वसनीयता दोनों बढ़ें।

कारीगरों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ने की पहल

मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार की पहल के तहत अब पारंपरिक उद्योगों को डिजिटल मार्केटिंग और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म जैसे Amazon, Flipkart और GeM पोर्टल से जोड़ा जाएगा ताकि कारीगर अपने उत्पादों को सीधे देश-विदेश के ग्राहकों तक पहुंचा सकें।

स्थानीय जनप्रतिनिधि भी रहे मौजूद

इस अवसर पर जनसंपर्क अधिकारी गौरव राठी, आनंदजी पांडेय, अनूप दुबे, अखिल अग्रवाल, अवनीश उपाध्याय, प्रदीप मिश्रा, प्रशांत उपाध्याय सहित कई स्थानीय उद्योग प्रतिनिधि और कारीगर उपस्थित रहे। सभी ने मंत्री को उद्योग की समस्याओं से अवगत कराया और सहयोग की मांग की।

डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ की यह पहल वाराणसी के पारंपरिक Wooden Toy उद्योग को नई पहचान और दिशा देने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। सरकार की यह कोशिश कारीगरों को आर्थिक मजबूती और विश्वस्तरीय बाजार में प्रतिस्पर्धा करने का अवसर देगी।

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