Darjeeling Landslide : दार्जिलिंग में भूस्खलन से मची तबाही, अब तक 17 लोगों की मौत, कई घायल

Darjeeling Landslide: श्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में भारी बारिश से भीषण भूस्खलन, अब तक 17 की मौत, कई लापता। NDRF और प्रशासन बचाव कार्य में जुटे।

Darjeeling Landslide : पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण शनिवार (4 अक्टूबर 2025) को भूस्खलन (Landslide) की कई घटनाएं सामने आईं। अब तक कम से कम 17 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। दर्जनों घर मलबे में तब्दील हो गए हैं और कई गांवों का संपर्क पूरी तरह टूट चुका है।

जिला प्रशासन, पुलिस और आपदा प्रबंधन विभाग (Disaster Management Team) के साथ-साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में मिरिक झील, धर गांव, सर्साली और जसबीर गांव शामिल हैं।

दार्जिलिंग भूस्खलन पर 10 बड़े अपडेट्स

  1. NDRF और प्रशासनिक रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक 17 मौतों की पुष्टि हुई है, जबकि 2 लोग अभी भी लापता हैं।
  2. सर्साली, जसबीरगांव, मिरिक बस्ती, धर गांव (मेची) और मिरिक झील के आसपास के इलाकों में सबसे अधिक नुकसान दर्ज किया गया है।
  3. धर गांव में राहतकर्मियों ने मलबे से 4 लोगों को जीवित निकाला है।
  4. कई घर भूस्खलन में पूरी तरह बह गए हैं, और स्थानीय सड़कों जैसे मिरिक–सुखियापोखरी रोड पर यातायात ठप है।
  5. मंत्री उदयन गुहा ने कहा कि “स्थिति बेहद गंभीर है। अब तक मिरिक में 11 और दार्जिलिंग में 6 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।”
  6. लगातार बारिश से राहत कार्यों में कठिनाई हो रही है। इलाके की फिसलन भरी जमीन बचाव दलों के लिए चुनौती बनी हुई है।
  7. विष्णुलाल गांव, वार्ड-3 लेक साइड और जसबीर गांव से परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
  8. स्थानीय NGO और प्रशासन ने मिलकर अस्थायी राहत शिविरों की स्थापना की है।
  9. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने दार्जिलिंग और कालिंपोंग में रेड अलर्ट जारी किया है और 6 अक्टूबर तक अत्यधिक भारी वर्षा की चेतावनी दी है।
  10. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया है।

राहत और बचाव अभियान तेज़ी से जारी

एनडीआरएफ की टीमों को सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में भेजा गया है, विशेषकर मिरिक झील और धर गांव में। राहतकर्मी लगातार मलबे में दबे लोगों को निकालने और आवश्यक मदद पहुंचाने में लगे हुए हैं। स्थानीय प्रशासन ने राहत सामग्री, दवाइयां और खाना प्रभावित इलाकों में भेजा है।

वहीं, मौसम विभाग ने लोगों को पहाड़ी इलाकों की यात्रा से बचने और सतर्क रहने की सलाह दी है। दार्जिलिंग हिल्स, कालिंपोंग और आसपास के जिलों में स्कूलों और कॉलेजों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।

सरकार की निगरानी और सहायता योजना

राज्य सरकार ने कहा है कि मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है और अधिकारियों को आदेश दिया है कि “हर प्रभावित परिवार तक राहत पहुंचना सुनिश्चित हो।”

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, “दार्जिलिंग और आसपास के क्षेत्रों की स्थिति पर हमारी नज़र है। केंद्र सरकार हरसंभव सहायता प्रदान करेगी।”

दार्जिलिंग में हुआ यह भूस्खलन प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ते खतरे की ओर एक गंभीर संकेत है। लगातार होती भारी बारिश और भूस्खलन ने सैकड़ों परिवारों की ज़िंदगी प्रभावित की है। राहत टीमें लगातार काम कर रही हैं, लेकिन मौसम की परिस्थितियों के चलते चुनौतियां अभी बाकी हैं।

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