PURNIA, BIHAR, MURDER : राज्य के पूर्णिया जिले से एक दर्दनाक और अमानवीय घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र अंतर्गत राजीगंज पंचायत के टेटगामा वार्ड संख्या 10 में एक महिला को डायन बताकर उसके पूरे परिवार को जिंदा जला दिया गया। इस जघन्य कांड में कुल पांच लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला भी शामिल है।
मृतकों की पहचान 70 वर्षीय मौसमात कातो देवी, 50 वर्षीय बाबू लाल उरांव, 40 वर्षीय सीता देवी, 25 वर्षीय मनजीत कुमार और 20 वर्षीय रानी देवी के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि गांव के कुछ लोगों को बाबू लाल उरांव की पत्नी पर डायन होने का शक था। इसी संदेह के चलते रविवार देर रात पड़ोसियों ने पूरे परिवार को घर में बंद कर आग के हवाले कर दिया।
घटना का सबसे दर्दनाक पहलू यह है कि मृतक बाबूलाल उरांव का 16 वर्षीय बेटा इस घटना का चश्मदीद गवाह है। वह किसी तरह जान बचाकर मौके से भागा और अपनी नानी के घर पहुंचकर पूरी घटना की जानकारी दी। इसके बाद परिजनों ने पुलिस को सूचना दी।
घटना की सूचना मिलते ही एसपी स्वीटी सहरावत सहित मुफस्सिल थाना और आस-पास के तीन थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। एसपी खुद चश्मदीद बच्चे को लेकर घटनास्थल पर पहुंचीं और स्थिति का जायजा लिया। फिलहाल पुलिस ने तीन संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है, लेकिन इस दिल दहला देने वाली वारदात पर फिलहाल आधिकारिक रूप से कोई बयान नहीं दिया गया है।
घटना के बाद से पूरा गांव सन्नाटे में डूबा हुआ है और आरोपियों के घरों पर ताले लटके हैं।
यह मामला न सिर्फ कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि आज भी समाज में अंधविश्वास और कुप्रथाएं किस कदर लोगों की सोच पर हावी हैं।