CRIME CONTROLLED IN UP : उत्तर प्रदेश में अपराधियों पर योगी सरकार का शिकंजा, 8 साल में 30 हजार से अधिक अपराधी पहुंचे जेल, 238 ढेर

CRIME CONTROLLED IN UP, LUCKNOW : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बीते आठ वर्षों में अपराधियों के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस नीति के तहत सख्त कार्रवाई कर एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। राज्य के डीजीपी राजीव कृष्ण ने जानकारी दी कि वर्ष 2017 से अब तक UP पुलिस ने कुल 14,973 पुलिस कार्रवाई करते हुए 30,694 अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा, जबकि 9,467 अपराधियों के पैर में गोली लगी और 238 अपराधियों को मुठभेड़ों में ढेर किया गया।

डीजीपी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देश थे कि “अपराध छोड़ो या प्रदेश छोड़ो”। इसी के तहत प्रदेशभर में ताबड़तोड़ अभियान चलाए गए जिससे प्रदेश में कानून व्यवस्था को नई मजबूती मिली। उन्होंने कहा कि अपराध पर नकेल कसने के लिए पुलिस बल को अत्याधुनिक हथियार, संसाधन और उच्च स्तरीय प्रशिक्षण से सुसज्जित किया गया है।

मेरठ जोन बना अपराधियों की कब्रगाह

सबसे अधिक पुलिस कार्रवाई मेरठ जोन में देखने को मिली जहां अब तक 7,969 अपराधी गिरफ्तार किए गए और 2,911 घायल हुए। इसके अलावा:

आगरा जोन में: 5,529 गिरफ्तारी, 741 घायल
बरेली जोन में: 4,383 गिरफ्तारी, 921 घायल
वाराणसी जोन में: 2,029 गिरफ्तारी, 620 घायल

कमिश्नरेट सिस्टम में भी अपराधियों पर कहर

उत्तर प्रदेश के कमिश्नरेट शहरों में भी अपराधियों के खिलाफ जोरदार अभियान चला।

गौतमबुद्धनगर (नोएडा): 1,983 गिरफ्तारी, 1,180 घायल
गाजियाबाद: 1,133 गिरफ्तारी, 686 घायल
आगरा कमिश्नरेट: 1,060 गिरफ्तारी, 271 घायल

अपराधियों के लिए यूपी में कोई जगह नहीं : सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता संभालते ही स्पष्ट कर दिया था कि UP में अपराध और अपराधियों के लिए कोई स्थान नहीं होगा। कानून का राज स्थापित करने के लिए न केवल पुलिस बल को संसाधन दिए गए, बल्कि उनका मनोबल भी बढ़ाया गया।

डीजीपी ने कहा कि इन अभियानों का असर अब देशभर में महसूस हो रहा है और उत्तर प्रदेश को सबसे सुरक्षित राज्यों में गिना जाने लगा है। यूपी पुलिस की त्वरित, निर्णायक और सख्त कार्रवाई ने राज्य में अपराध की जड़ों को कमजोर किया है।

UP में कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त नीति और यूपी पुलिस की तेज़ कार्यशैली के चलते राज्य में अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं बची है। आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि बीते 8 सालों में अपराधियों का या तो सफाया हुआ या फिर उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया।

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