Coldrif Cough Syrup Ban: मध्य प्रदेश में 9 बच्चों की मौत के बाद बड़ा एक्शन, पूरे राज्य में सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध

Coldrif Cough Syrup Ban: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 9 बच्चों की संदिग्ध मौत के बाद राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषणा की है कि राज्यभर में Coldrif कफ सिरप की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध (Ban) लगाया जा रहा है। साथ ही, इस सिरप बनाने वाली Sresan Pharma कंपनी के अन्य सभी उत्पादों की बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है।

घटना ने झकझोर दिया प्रदेश को

छिंदवाड़ा में बीते दिनों कई बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ने के बाद उनकी मौत हो गई थी। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई कि सभी बच्चों ने एक ही Coldrif कफ सिरप का सेवन किया था। इस घटना ने पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा दिया।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा —

“छिंदवाड़ा में Coldrif सिरप के कारण हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। इस सिरप की बिक्री को पूरे मध्यप्रदेश में बैन कर दिया गया है। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।”

कंपनी और उसके उत्पादों पर राज्यव्यापी बैन

Coldrif सिरप का निर्माण तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित Sresan Pharma कंपनी द्वारा किया जाता है। राज्य सरकार ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही तमिलनाडु सरकार से जांच रिपोर्ट मांगी गई थी।

आज सुबह प्राप्त रिपोर्ट में DEG (Diethylene Glycol) की मात्रा अनुमेय सीमा से अधिक पाई गई, जिसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने कंपनी के सभी उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है।

स्थानीय और राज्य स्तर पर जांच टीम सक्रिय

राज्य सरकार ने दो स्तरों पर जांच शुरू कर दी है —

  1. स्थानीय स्तर पर मेडिकल और प्रशासनिक जांच टीम सक्रिय है।
  2. राज्य स्तर पर विशेषज्ञों की टीम गठित की गई है, जो फार्मा वितरण चैनल और लाइसेंसिंग प्रक्रियाओं की जांच कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि,

“जो भी इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार है, उसे किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा।”

केंद्र सरकार की रिपोर्ट में भी सामने आए तथ्य

CDSCO (केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन) द्वारा लिए गए 6 नमूनों में DEG/EG (डाईएथिलीन ग्लाइकॉल/एथिलीन ग्लाइकॉल) की मात्रा नहीं पाई गई थी।
हालांकि, तमिलनाडु FDA की जांच रिपोर्ट में पाया गया कि कुछ बैचों में DEG की मात्रा तय सीमा से ज्यादा थी। यही रासायनिक तत्व बच्चों की मौत का संभावित कारण माना जा रहा है।

6 राज्यों में चल रही जांच और सैंपल टेस्टिंग

इस गंभीर मामले के बाद केंद्र सरकार ने पूरे देश में 19 दवा निर्माण इकाइयों (Manufacturing Sites) पर जांच शुरू की है। यह जांच “Risk-Based Inspection” के तहत की जा रही है, ताकि भविष्य में किसी तरह की दवा गुणवत्ता में खामी न रहे।

इसके अलावा, NIV (National Institute of Virology), ICMR, NEERI, CDSCO और AIIMS नागपुर के विशेषज्ञों की टीम छिंदवाड़ा और आसपास के इलाकों में पहुंच चुकी है। यह टीम बच्चों की मौत के वास्तविक कारणों की गहराई से जांच कर रही है।

फार्मा कंपनियों पर उठे सवाल

यह घटना एक बार फिर देश में दवा निर्माण कंपनियों की गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली (Quality Control System) पर गंभीर सवाल खड़े करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को दवा परीक्षण और वितरण प्रणाली को और सख्त करने की जरूरत है, ताकि इस तरह की त्रासदी दोबारा न हो।

छिंदवाड़ा की यह घटना पूरे देश के लिए चेतावनी है। Coldrif कफ सिरप बैन सिर्फ एक कदम है, लेकिन असली जरूरत है — दवा उत्पादन और वितरण पर कड़ी निगरानी की। राज्य और केंद्र, दोनों स्तरों पर जांच जारी है और आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे संभव हैं।

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