CM Yogi Kanya Poojan : शारदीय नवरात्र की महानवमी के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने परंपरा का निर्वहन करते हुए कन्या पूजन और बटुक पूजन किया। मातृ शक्ति के सम्मान की इस प्राचीन परंपरा को आगे बढ़ाते हुए सीएम योगी ने नौ दुर्गा स्वरूपा कुंवारी कन्याओं के पांव पखारे, पूजन किया, चुनरी ओढ़ाई, आरती उतारी और अपने हाथों से भोजन परोसकर दक्षिणा व उपहार देकर आशीर्वाद लिया।
सीएम योगी ने धोए नौ कन्याओं के पांव
गोरखनाथ मंदिर परिसर के अन्न क्षेत्र स्थित भोजन कक्ष में सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीतल के परात में जल से नौ नन्हीं बालिकाओं के पांव धोकर उनका विधिविधान से पूजन किया। दुर्गा सप्तशती के मंत्रोच्चार के बीच कन्याओं के माथे पर रोली, चंदन, दही और अक्षत का तिलक लगाया गया। इसके बाद पुष्प और दुर्वा से अभिषेक कर माला पहनाई, चुनरी ओढ़ाई और उपहार सहित दक्षिणा प्रदान की गई।
खास बात यह रही कि सीएम योगी ने एक छह माह की शिशु बालिका के भी पांव पखार कर उसका पूजन किया।
बटुक पूजन और हनुमान वेशधारी बालक का सम्मान
मुख्यमंत्री ने परंपरा का निर्वहन करते हुए बटुक पूजन भी किया। इस दौरान हनुमानजी के वेश में आए एक बालक को तिलक लगाकर माला पहनाई और अंगवस्त्र ओढ़ाया।
भोजन परोसते दिखे ‘महाराज जी’
पूजन के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्वयं अपने हाथों से कन्याओं और बटुकों को मंदिर की रसोई में पकाया गया ताजा भोजन प्रसाद परोसा। बालिकाओं और बच्चों की थाली में किसी प्रकार की कमी न रहे, इसका विशेष ध्यान रखते हुए सीएम ने मंदिर व्यवस्था से जुड़े लोगों को निर्देश भी दिए।
बड़ी संख्या में पहुंची अन्य बालिकाओं और बटुकों का भी पूजन कर उन्हें भोजन कराया गया और दक्षिणा व उपहार दिए गए।
मातृ शक्ति के सम्मान का संदेश
गोरक्षपीठ की परंपरा के अनुरूप आयोजित इस कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि मातृ शक्ति के प्रति श्रद्धा और सम्मान ही समाज की प्रगति का मूल आधार है। मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने नारी सुरक्षा, स्वावलंबन और सम्मान के लिए अनेक योजनाओं को धरातल पर उतार कर इस परंपरा को और मजबूत किया है।
कन्या पूजन अनुष्ठान के दौरान गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, काशी से आए जगद्गुरु स्वामी संतोषाचार्य सतुआ बाबा सहित अनेक संत और श्रद्धालु मौजूद रहे। इससे पूर्व प्रातःकालीन पूजा सत्र में सीएम योगी ने मां सिद्धिदात्री की विधिविधान से आराधना की।