Chhath Sunset Time Today: छठ पूजा आज संध्या अर्घ्य, जानें आपके शहर में सूर्यास्त का समय

Chhath Sunset Time Today 27 October 2025: आज छठ पूजा का तीसरा दिन है, जब डूबते सूर्य को संध्या अर्घ्य दिया जाएगा। जानें दिल्ली, पटना, रांची, लखनऊ, मुंबई, कोलकाता और अन्य शहरों में सूर्यास्त का सही समय।

Chhath Puja 2025: श्रद्धा, आस्था और सूर्य उपासना का महापर्व छठ (Chhath) आज देशभर में उल्लास और भक्ति के माहौल में मनाया जा रहा है। 27 अक्टूबर 2025, सोमवार को छठ का तीसरा दिन है, जिसे संध्या अर्घ्य (Sandhya Arghya) कहा जाता है। इस दिन व्रती महिलाएं डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करती हैं और सूर्यदेव से परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।

संध्या अर्घ्य का महत्व (Significance of Sandhya Arghya):

छठ पर्व का यह चरण विशेष माना गया है, क्योंकि यह एकमात्र पर्व है जिसमें अस्ताचलगामी सूर्य (Setting Sun) को अर्घ्य दिया जाता है। सामान्य दिनों में उगते सूर्य को जल चढ़ाने की परंपरा होती है, लेकिन छठ (Chhath) में डूबते सूर्य को भी नमन किया जाता है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देने से जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव में संतुलन बना रहता है और व्यक्ति में धैर्य एवं स्थिरता आती है।

छठ (Chhath) संध्या अर्घ्य का समय (Chhath Sunset Time Today – 27 October 2025):

शहर (City)सूर्यास्त का समय (Sunset Time)
दिल्ली (Delhi)शाम 5:40 बजे
पटना (Patna)शाम 5:12 बजे
रांची (Ranchi)शाम 5:13 बजे
कोलकाता (Kolkata)शाम 5:04 बजे
लखनऊ (Lucknow)शाम 5:27 बजे
नोएडा (Noida)शाम 5:40 बजे
गया (Gaya)शाम 5:13 बजे
आगरा (Agra)शाम 5:38 बजे
बेंगलुरु (Bengaluru)शाम 5:55 बजे
चेन्नई (Chennai)शाम 5:44 बजे
गोरखपुर (Gorakhpur)शाम 5:18 बजे
मुंबई (Mumbai)शाम 6:08 बजे
जमशेदपुर (Jamshedpur)शाम 5:11 बजे
भोपाल (Bhopal)शाम 5:45 बजे
इंदौर (Indore)शाम 5:42 बजे

व्रत की परंपरा और नियम:

संध्या अर्घ्य के बाद व्रती पूरी रात जागरण और छठ गीतों में लीन रहते हैं। अगले दिन यानी 28 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य (Udaya Arghya) देने के साथ व्रत का समापन होगा।
इस दौरान छठी (Chhath) मईया के गीत, घाटों पर पूजा-अर्चना और दीप सज्जा पूरे माहौल को आध्यात्मिक बना देते हैं।

देशभर में दिखेगा आस्था का अद्भुत नजारा:

पटना, रांची, वाराणसी, लखनऊ, दिल्ली और मुंबई के घाटों पर श्रद्धालु शाम से ही इकट्ठा होने लगेंगे। महिलाओं के हाथों में पूजा की डलिया, ठेकुआ, फल और दीप से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठेगा।
प्रशासन की ओर से घाटों पर सुरक्षा और रोशनी की विशेष व्यवस्था की गई है।

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