Varanasi News: साल 2025 का पहला और आखिरी चंद्रग्रहण 7 सितंबर (भाद्र शुक्ल पूर्णिमा) को लगेगा। इस विशेष मौके पर वाराणसी के प्राचीन दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती का समय बदल दिया गया। चंद्रग्रहण के सूतक काल के चलते गंगोत्री सेवा समिति की ओर से यह आरती रविवार को दिन में 11:45 बजे आयोजित की गई। ग्रहण का सूतक काल दोपहर 12:57 बजे से शुरू हो गया था, इसलिए परंपरा अनुसार आरती को पहले ही सम्पन्न कर लिया गया।
गंगोत्री सेवा समिति के अध्यक्ष पं. किशोरी रमण दुबे ने बताया कि पिछले 35 वर्षों में यह पांचवीं बार है जब गंगा आरती दिन में सम्पन्न कराई गई। इससे पहले 28 अक्टूबर 2023, 16 जुलाई 2019, 27 जुलाई 2018 और 7 अगस्त 2017 को भी चंद्रग्रहण के कारण आरती का समय बदला गया था। इस बार गंगा के बढ़े जलस्तर की वजह से आरती का आयोजन घाट की छत पर किया गया।
खास बात यह है कि चंद्रग्रहण का प्रारंभ रात 9:57 बजे, मध्यकाल रात 11:41 बजे और मोक्षकाल रात 01:27 बजे होगा। यह ग्रहण भारत सहित एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका और हिंद महासागर क्षेत्रों में भी स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।
शहर के ज्यादातर मंदिरों के कपाट भी सूतक काल के चलते दोपहर 12 बजे से ही बंद कर दिए गए। इस ग्रहण को धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद खास माना जा रहा है क्योंकि यह पितृपक्ष से ठीक पहले लग रहा है।