Breast Lumps Checkup : घर बैठे करें ब्रेस्ट गांठ की जांच, जानिए क्यों जरूरी है समय पर पहचान और मेडिकल सलाह लेना

Breast Lumps Checkup : महिलाएं अक्सर अपने स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहती हैं, लेकिन कई बार शरीर में होने वाले छोटे बदलाव जैसे ब्रेस्ट में गांठ (लंप) को नज़रअंदाज़ कर देती हैं। यह जरूरी है कि महिलाएं अपने ब्रेस्ट हेल्थ को लेकर जागरूक हों, क्योंकि समय पर जांच ही किसी गंभीर बीमारी से बचाव का सबसे अच्छा उपाय है।

हर ब्रेस्ट लंप का मतलब कैंसर नहीं होता

एम्स दिल्ली के कैंसर विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक शंकर के अनुसार, “युवतियों में ब्रेस्ट में गांठ होना सामान्य हार्मोनल बदलाव जैसे पीरियड्स या प्रेग्नेंसी के कारण भी हो सकता है। ये अधिकतर बेनाइन (गैर-कैंसरस) होती हैं और दवाओं से ठीक हो जाती हैं।” लेकिन सावधानी जरूरी है, हर नई गांठ को डॉक्टर को जरूर दिखाएं, क्योंकि यह ब्रेस्ट कैंसर का संकेत भी हो सकती है।

ब्रेस्ट में गांठ के संभावित कारण

फाइब्रोएडीनोमा – यंग महिलाओं में आम, सॉफ्ट और मूवेबल गांठ
फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट – हार्मोनल बदलाव से जुड़ी गांठें
दूध या फैट से बने सिस्ट
लिपोमा या हमर्टोमा– फैटी टिशू से बने बेनाइन ट्यूमर
इंट्राडक्टल पेपिलोमा – डक्ट के अंदर छोटी वृद्धि
मास्टिटिस – ब्रेस्टफीडिंग के दौरान संक्रमण

ब्रेस्ट लंप की पहचान कैसे करें? करें घर पर सेल्फ एग्जामिनेशन

ब्रेस्ट की खुद से जांच (Self-Breast Examination) से आप किसी भी असामान्य बदलाव को जल्दी पहचान सकती हैं:

  1. लेटकर जांच करें: दाहिने हाथ को सिर के पीछे रखें, और बाएं हाथ की उंगलियों से दाहिने ब्रेस्ट को हल्के दबाव से चेक करें। यही प्रक्रिया दूसरे साइड के लिए भी करें।
  2. आईने के सामने खड़े होकर देखें: ब्रेस्ट के साइज़, शेप, स्किन टेक्सचर (जैसे डिंपलिंग या संतरे की छिलके जैसी त्वचा), और निप्पल में किसी बदलाव को गौर से देखें।
  3. निप्पल और अंडरआर्म की जांच: किसी डिस्चार्ज, सूजन या गांठ की पहचान करें।

कब डॉक्टर के पास जाएं ?

कोई नई गांठ महसूस हो
गांठ सख्त या तेजी से बढ़ रही हो
स्किन या निप्पल में बदलाव दिखे
डिस्चार्ज हो (खासतौर पर खून या पीला तरल)
लगातार दर्द बना रहे

ध्यान रहे : सेल्फ एग्जामिनेशन कोई मेडिकल टेस्ट का विकल्प नहीं है। यह सिर्फ शुरुआती अलर्ट का एक तरीका है। समय-समय पर क्लिनिकल ब्रेस्ट एग्जाम और मैमोग्राफी (40 साल से ऊपर महिलाओं के लिए) करवाना जरूरी है।

महिलाएं ध्यान रखें : शरीर से मिलने वाले संकेतों को नजरअंदाज न करें। ब्रेस्ट हेल्थ को लेकर जागरूकता ही बचाव का सबसे सशक्त हथियार है। समय रहते जांच कराएं, और अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।
बदलाव को पहचानें, डरें नहीं, जांच कराएं।

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