Bihar Election 2025 Opinion Poll : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों के ऐलान के बाद MATRIZE-IANS ने अपना ओपिनियन पोल जारी किया है, जिसके नतीजे राजनीतिक हलकों में हलचल मचा रहे हैं। सर्वे के मुताबिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन स्पष्ट बहुमत की ओर बढ़ रहा है, जबकि महागठबंधन को भारी नुकसान होता दिखाई दे रहा है।
बिहार चुनाव 2025 की तारीखें
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की।
पहला चरण मतदान: 6 नवंबर (121 सीटें)
दूसरा चरण मतदान: 11 नवंबर (122 सीटें)
मतगणना: 14 नवंबर 2025
अधिसूचना जारी: पहले चरण के लिए 10 अक्टूबर, दूसरे चरण के लिए 13 अक्टूबर
नामांकन की अंतिम तिथि: 17 और 20 अक्टूबर
नामांकन पत्र जांच: 18 और 21 अक्टूबर
नाम वापस लेने की अंतिम तिथि: 20 और 23 अक्टूबर
MATRIZE-IANS बिहार ओपिनियन पोल के प्रमुख नतीजे
| गठबंधन | अनुमानित सीटें | वोट शेयर |
|---|---|---|
| एनडीए (NDA) | 150–160 | 49% |
| महागठबंधन (MGB) | 70–80 | 36% |
| अन्य दल | 9–12 | 15% |
एनडीए के भीतर सीटों का अनुमान
| पार्टी | सीटें |
|---|---|
| भाजपा (BJP) | 80–85 |
| जेडीयू (JDU) | 60–65 |
| हम (HAM) | 3–6 |
| एलजेपी (रामविलास) | 4–6 |
| आरएलएम | 1–2 |
महागठबंधन में सीटों का अनुमान
| पार्टी | सीटें |
|---|---|
| आरजेडी (RJD) | 60–65 |
| कांग्रेस (INC) | 7–10 |
| सीपीआई (ML) | 6–9 |
| सीपीआई | 0–1 |
| सीपीएम | 0–1 |
| वीआईपी | 2–4 |
जनता का मूड: नीतीश कुमार पर फिर भरोसा
सर्वे में लोगों ने नीतीश कुमार के कामकाज को सराहा है और ‘सुशासन बाबू’ की छवि पर मुहर लगाई है। सर्वे के मुताबिक, एनडीए को ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में मजबूत समर्थन मिल रहा है, जबकि महागठबंधन में सीटों का नुकसान आरजेडी-कांग्रेस के लिए चिंता का विषय बन सकता है।
सर्वे का समय और नमूना आकार
सर्वे एजेंसी: MATRIZE-IANS
समयावधि: 18 सितंबर से 5 अक्टूबर 2025
कुल उत्तरदाता:46,862
कवरेज: बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटें
मार्जिन ऑफ एरर: ±3%
नोट: यह ओपिनियन पोल केवल जनमत पर आधारित है; वास्तविक परिणाम भिन्न हो सकते हैं।
MATRIZE-IANS के इस ओपिनियन पोल से साफ संकेत मिलते हैं कि बिहार में इस बार एनडीए का पलड़ा भारी है। अगर यही रुझान चुनाव तक कायम रहता है, तो नीतीश कुमार एक बार फिर सत्ता में वापसी कर सकते हैं। वहीं, महागठबंधन के लिए आगामी चुनाव एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आ सकता है।