Baba Chaitanyananda Saraswati : दिल्ली के वसंत कुंज स्थित आश्रम के संचालक बाबा स्वामी चैत्यानंद सरस्वती पर 17 छात्राओं के यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगे हैं। रविवार को आगरा से गिरफ्तार किए गए बाबा को पटियाला हाउस कोर्ट ने बड़ा झटका देते हुए 5 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। दिल्ली पुलिस अब आरोपी से गहन पूछताछ करेगी। इससे पहले पुलिस ने भी बाबा के लिए 5 दिन की कस्टडी की मांग की थी।
कमजोर वर्ग की छात्राओं को बनाया निशाना
पुलिस के अनुसार, चैत्यानंद ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) की छात्रवृत्ति योजना के तहत पोस्ट-ग्रेजुएट मैनेजमेंट डिप्लोमा कोर्स में पढ़ने वाली छात्राओं को निशाना बनाया। 4 अगस्त को भारतीय वायु सेना मुख्यालय से शिकायत मिलने के बाद वह फरार हो गया था। शिकायत में उस पर छात्राओं के साथ छेड़खानी का आरोप लगाया गया था।
रात के समय कमरे में बुलाकर करता था शोषण
जांच में यह खुलासा हुआ कि चैत्यानंद रात के समय छात्राओं को अपने कमरे में बुलाता और उनकी ग्रेड कम करने या फेल करने की धमकी देकर उनका शारीरिक शोषण करता था। पुलिस ने संस्थान की तीन वार्डनों के बयान दर्ज किए हैं, जिन पर आरोपी की मदद करने और आपत्तिजनक संदेशों को डिलीट करने का आरोप है।
यौन शोषण के सबूत मिले
लगभग 50 छात्राओं के फोन से बरामद WhatsApp चैट में 16 साल तक चले यौन शोषण के प्रमाण मिले हैं। इनमें आपत्तिजनक संदेश और जबरन शारीरिक संपर्क की घटनाएं शामिल हैं। इसके अलावा, आरोपी पर CCTV फुटेज डिलीट करने और DVR फॉरेंसिक जांच में भेजने के आरोप भी सामने आए हैं।
पहले भी लगे आरोप
इससे पहले अगस्त की शुरुआत में 17 छात्राओं ने दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। अधिकारियों के अनुसार, चैत्यानंद पिछले दो दशकों से महिलाओं का शोषण कर रहा था और 2009 व 2016 में भी छेड़खानी के मामलों में वह बच निकला था।
इस बार मामला सामने तब आया, जब 17 छात्राओं ने अगस्त में शिकायत दर्ज कराई। उस समय आरोपी लंदन में था, लेकिन उसकी अंतिम लोकेशन आगरा में मिली। उसने दिल्ली हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसे बाद में वापस ले लिया गया।
फर्जी नंबर प्लेट और यूएन का लोगो
जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा भी हुआ कि चैत्यानंद की लाल रंग की लग्जरी वॉल्वो कार पर कई फर्जी नंबर प्लेट लगी थीं, जिन पर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) का लोगो** भी था। जांच में पुष्टि हुई कि ये नंबर प्लेट यूएन द्वारा जारी नहीं की गई थीं और आरोपी ने इन्हें खुद बनाया था। कार को जांच के लिए जब्त कर लिया गया है।
पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा बाबा चैत्यानंद को पुलिस कस्टडी में भेजना एक बड़ा कदम माना जा रहा है, क्योंकि इससे पुलिस आरोपी से विस्तृत पूछताछ कर पाएगी और छात्राओं के साथ हुए लंबे समय तक चलने वाले यौन शोषण के मामले में अहम सबूत जुटाए जा सकेंगे।