Azim Premji Wipro traffic Bengaluru : कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा बेंगलुरु के ट्रैफिक संकट को कम करने के लिए दिए गए अनुरोध को विप्रो के संस्थापक अध्यक्ष अजीम प्रेमजी ने ठुकरा दिया है। मुख्यमंत्री ने 19 सितंबर को प्रेमजी को पत्र लिखा था, जिसमें सुझाव दिया गया था कि सरजापुर स्थित विप्रो कैंपस से आम वाहनों के लिए आवागमन की अनुमति दी जाए। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसा करने से आउटर रिंग रोड (ORR) और इसके आसपास की सड़कों पर ट्रैफिक करीब 30% तक कम हो सकता था।
हालांकि, अजीम प्रेमजी ने 24 सितंबर को मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में इस विशेष अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। उन्होंने कहा कि कैंपस एक स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) है और वैश्विक सेवा प्रतिबद्धताओं के कारण सुरक्षा और एक्सेस कंट्रोल के कड़े नियम लागू हैं। इसके अलावा, उन्होंने कानूनी और अनुबंध संबंधी बाधाओं का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि निजी संपत्ति से वाहनों के आवागमन की अनुमति देना दीर्घकालीन ट्रैफिक समाधान नहीं है।
अजीम प्रेमजी का संदेश:
पत्र में प्रेमजी ने ट्रैफिक समस्या की गंभीरता को स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री के नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कहा कि आउटर रिंग रोड पर स्थायी समाधान के लिए वैज्ञानिक और डेटा-आधारित अध्ययन की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि विप्रो कर्नाटक सरकार के साथ मिलकर ट्रैफिक और मोबिलिटी चुनौतियों के समाधान में सहयोग करेगी। इस दिशा में कंपनी की वरिष्ठ प्रतिनिधि रेश्मी शंकर को राज्य अधिकारियों के साथ आगे की बातचीत के लिए नामित किया गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि बेंगलुरु जैसे टेक-हब शहरों में निजी क्षेत्र की भागीदारी शहरी ढांचे और नीतियों के निर्माण में अहम भूमिका निभाती है। हालांकि, अजीम प्रेमजी के निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि सुरक्षा और वैश्विक व्यापार प्रतिबद्धताएं, शहरी ट्रैफिक सुधार की कोशिशों से ऊपर हैं।
विप्रो का यह कदम यह दर्शाता है कि निजी कंपनियों के पास अपनी संपत्ति और सुरक्षा नियमों के चलते सीमित निर्णय क्षमता होती है। जबकि सरकार ट्रैफिक समस्या का त्वरित समाधान चाहती है, दीर्घकालीन और डेटा-आधारित उपाय ही स्थायी राहत दे सकते हैं।