Arrested while accepting a bribe, Varanasi : वाराणसी में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त निगरानी और कार्रवाई के बीच एंटी करप्शन ब्यूरो को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। कछवां रोड मंडी में कार्यरत मंडी निरीक्षक सतेन्द्र नाथ को सोमवार को ₹22,000 की bribe लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया।
इस पूरी कार्रवाई में शिकायतकर्ता अजीत ओझा, निवासी कोठान चांदमारी (थाना शिवपुर, वाराणसी) की जागरूकता और साहसपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने 15 जुलाई को एंटी करप्शन कार्यालय पहुंचकर एक लिखित शिकायत दी थी, जिसमें उन्होंने बताया कि वे कछवां रोड मंडी में रुद्र ट्रेडिंग कम्पनी के नाम से व्यावसायिक लाइसेंस बनवाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने 24 जून को ऑनलाइन आवेदन किया था।
शिकायतकर्ता के अनुसार, मंडी निरीक्षक सतेन्द्र नाथ ने ₹250 की वैध फीस के अतिरिक्त ₹22,000 की अवैध रिश्वत की मांग की। जब अजीत ओझा ने असमर्थता जताई, तब भी आरोपी ने बार-बार फोन कर दबाव बनाते हुए रिश्वत देने को कहा। उन्होंने बताया कि आरोपी ने 20 से 25 बार रिश्वत मांगने के लिए फोन किया।
एंटी करप्शन टीम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए योजना बनाई और 21 जुलाई को आरोपी को रंगे हाथ पकड़ने की कार्रवाई को अंजाम दिया। निर्धारित योजना के अनुसार, शिकायतकर्ता को मंडी निरीक्षक के बुलावे पर पहाड़िया मंडी के गेट नंबर-2 स्थित चेक पोस्ट संख्या-2 भेजा गया, जहां टीम पहले से तैनात थी।
जैसे ही मंडी निरीक्षक ने ₹22,000 की नकद रिश्वत स्वीकार की, टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें पकड़ लिया। मौके पर केमिकल परीक्षण में भी रिश्वत की पुष्टि हुई। इसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर थाना लालपुर-पांडेपुर पुलिस को सौंप दिया गया, जहां भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) की धारा 7 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
यह कार्रवाई उन अधिकारियों के लिए एक सख्त संदेश है जो अपने पद का दुरुपयोग कर आम नागरिकों का शोषण करते हैं। साथ ही, यह घटना यह भी दर्शाती है कि यदि आम नागरिक जागरूक और साहसी बनें, तो भ्रष्टाचार पर लगाम संभव है।
एंटी करप्शन ब्यूरो की इस प्रभावी कार्रवाई की पूरे शहर में चर्चा हो रही है, और इसे सरकारी तंत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है।