अमेरिका-पाकिस्तान रक्षा सौदे से भारत पर नजरें टिकीं
AMRAAM US PAK Deal : भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच अब अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते एक बार फिर सुर्खियों में हैं। अमेरिकी रक्षा विभाग (Pentagon) ने अपनी नई विदेशी सैन्य बिक्री (Foreign Military Sales) सूची में पाकिस्तान को शामिल किया है। इस सौदे के तहत अमेरिका पाकिस्तान को AIM-120 Advanced Medium-Range Air-to-Air Missile (AMRAAM) देने जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह सौदा पाकिस्तान की वायुसेना की शक्ति को कई गुना बढ़ा सकता है, खासकर भारत के मुकाबले में।
क्या है AMRAAM मिसाइल
AIM-120 AMRAAM एक एयर-टू-एयर मिसाइल है, जिसे आधुनिक हवाई युद्धों के लिए डिजाइन किया गया है। यह मिसाइल दुश्मन के विमान को लंबी दूरी (Beyond Visual Range) से सटीक निशाना बनाने में सक्षम है। इसे मुख्य रूप से F-16 Fighting Falcon फाइटर जेट पर लगाया जाता है।
इस मिसाइल में एक्टिव रडार होमिंग सिस्टम लगा होता है, जो लक्ष्य को लॉक करने के बाद अपने आप गाइड करता है। इसकी मारक क्षमता 160 किमी तक बताई जाती है, जबकि नवीनतम AIM-120D-3 वर्जन इससे भी अधिक रेंज प्रदान करता है।
AIM-120D-3: सबसे उन्नत वर्जन
नए सौदे में पाकिस्तान को मिलने वाला AIM-120D-3 वर्जन AMRAAM फैमिली का सबसे एडवांस मॉडल है। इसमें निम्नलिखित खूबियां हैं:
रेंज: 180-200 किमी तक प्रभावी निशाना
स्पीड: Mach 4 (ध्वनि की गति से चार गुना तेज)
सटीकता: उच्च-स्तरीय रडार गाइडेंस सिस्टम
स्मार्ट अपडेट: फ्लाइट में भी ट्रैकिंग और टार्गेट बदलने की क्षमता
यह मिसाइल दुश्मन के फाइटर जेट के साथ-साथ आने वाली मिसाइलों को भी रोक सकती है।
पाकिस्तान के पास पहले से मौजूद AMRAAM संस्करण
पाकिस्तानी वायुसेना (PAF) के पास पहले से AIM-120C-5 वर्जन मौजूद हैं, जिन्हें उसे 2010 में F-16 ब्लॉक 52 विमानों के साथ मिला था।
2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हुई हवाई झड़पों के दौरान पाकिस्तान ने इन्हीं मिसाइलों का इस्तेमाल किया था।
अब C-8 और D-3 वर्जन मिलने के बाद पाकिस्तान के F-16 बेड़े की ऑपरेशनल क्षमता और भी बढ़ जाएगी।
राजनीतिक और रणनीतिक संकेत
रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि यह सौदा केवल सैन्य नहीं, बल्कि राजनीतिक संकेत भी देता है।
कई मौकों पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच संबंधों को लेकर चर्चाएं रही हैं।
हाल ही में दोनों देशों के बीच रेयर अर्थ मिनरल्स डील और हाई-लेवल डिनर मीटिंग्स भी हुई हैं।
इन सबके बाद यह सौदा पाकिस्तान के लिए एक तरह का “इनाम” माना जा रहा है, जिससे अमेरिका-पाकिस्तान रिश्ते फिर से मजबूत होते दिख रहे हैं।
भारत के लिए चिंता क्यों
भारत ने हाल के वर्षों में अपने हवाई बेड़े को राफेल, तेजस MK1A और एस-400 सिस्टम जैसे अत्याधुनिक हथियारों से लैस किया है।
लेकिन पाकिस्तान को AMRAAM जैसी एडवांस मिसाइलें मिलने से दक्षिण एशिया की सामरिक संतुलन (Strategic Balance) में हलचल आ सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को अब अपने Beyond Visual Range (BVR) क्षमताओं को और मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाने होंगे।
AMRAAM US PAK Deal से पाकिस्तान को निश्चित तौर पर हवाई शक्ति में बढ़त मिलेगी। AIM-120D-3 मिसाइलें आधुनिक हवाई युद्ध के लिए बेहद खतरनाक हथियार मानी जाती हैं। हालांकि, भारत के पास मौजूद अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियां अभी भी उसे क्षेत्रीय स्तर पर रणनीतिक बढ़त बनाए रखने में सक्षम बनाती हैं।