SIR और कथित ‘वोट चोरी’ के खिलाफ संसद से चुनाव आयोग तक जाने वाले विपक्षी मार्च को दिल्ली पुलिस ने रोका। अखिलेश यादव बैरिकेड फांद गए, राहुल गांधी ने संविधान बचाने की लड़ाई बताई, और महुआ मोइत्रा की सहयोगी मिताली बाग बेहोश हो गईं।
Opposition’s march against SIR : बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और कथित ‘वोट चोरी’ के खिलाफ विपक्षी दलों का संसद से चुनाव आयोग तक पैदल मार्च सोमवार को दिल्ली पुलिस ने रोक दिया।
मार्च की अगुवाई कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने की, जिनके साथ प्रियंका गांधी वाड्रा, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और अन्य दलों के नेता मौजूद थे। पुलिस ने इन्हें परिवहन भवन के पास रोककर हिरासत में ले लिया और कुछ देर बाद छोड़ दिया।
राहुल गांधी ने कहा,
“यह लड़ाई राजनीतिक नहीं, संविधान बचाने और ‘एक व्यक्ति एक वोट’ की लड़ाई है। हम साफ-सुथरी और सही मतदाता सूची चाहते हैं।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया पर लिखा,
“भाजपा की कायराना तानाशाही नहीं चलेगी। यह जनता के वोट के अधिकार को बचाने और लोकतंत्र को बचाने का संघर्ष है।”
अखिलेश यादव ने फांदी बैरिकेडिंग
पुलिस द्वारा रोके जाने पर अखिलेश यादव बैरिकेड फांदकर दूसरी ओर चले गए। उन्होंने आरोप लगाया कि 18 हजार नाम मतदाता सूची से हटाए गए, जिनकी सूची उन्होंने खुद आयोग को दी थी।
महुआ मोइत्रा के साथियों का प्रदर्शन, मिताली बाग बेहोश
विरोध के दौरान महुआ मोइत्रा, सागरिका घोष, कांग्रेस सांसद ज्योतिमणि और संजना जाटव बैरिकेड पर चढ़कर सरकार विरोधी नारे लगाने लगे। इस बीच तृणमूल की नेता मिताली बाग बेहोश हो गईं।
मार्च शुरू होने से पहले विपक्षी सांसदों ने संसद के मकर द्वार पर राष्ट्रगान गाया और ‘वोट चोरी बंद करो’ जैसे नारे लगाए।