Bank Merger News: भारत सरकार बैंकिंग सेक्टर में मेगा मर्जर की तैयारी कर रही है। नीति आयोग की सिफारिश पर छोटे सरकारी बैंकों को बड़े बैंकों में मिलाने की योजना है। मर्जर के बाद देश में केवल चार सरकारी बैंक रह जाएंगे।
Bank Merger News: भारत सरकार अब बैंकिंग सेक्टर में एक और बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है। नीति आयोग की सिफारिशों के बाद सरकार ने मेगा बैंक मर्जर प्लान पर काम शुरू कर दिया है। इस प्लान के तहत देश के छोटे सरकारी बैंकों को बड़े बैंकों में मिलाने की योजना है। यदि यह प्रस्ताव लागू होता है, तो देश में केवल चार सरकारी बैंक ही रह जाएंगे।
किन बैंकों का होगा विलय
Bank Merger : मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र जैसे बैंकों का विलय देश के बड़े बैंकों में करने की तैयारी कर रही है।
यह मर्जर निम्न तरीके से किया जा सकता है:

इंडियन ओवरसीज बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र का विलय → स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) में
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का विलय → पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में
बैंक ऑफ इंडिया का विलय → बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) या कैनरा बैंक में
इस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए रिकॉर्ड ऑफ डिस्कशन तैयार किया जा चुका है और इसे जल्द ही कैबिनेट और पीएम कार्यालय को भेजा जाएगा। यदि मंजूरी मिल जाती है, तो वित्त वर्ष 2026-27 तक यह मेगा मर्जर पूरा हो सकता है।
Bank Merger : क्या है सरकार की योजना
सरकार का कहना है कि छोटे बैंकों के लगातार बढ़ते खर्च और एनपीए (Non Performing Assets) के कारण बैंकिंग सेक्टर पर दबाव बढ़ रहा है।
ऐसे में बैंक मर्जर से –
बैंकों की कर्ज देने की क्षमता बढ़ेगी,
उनकी बैलेंस शीट मजबूत होगी,
और कामकाज अधिक प्रभावी हो सकेगा।
सरकार चाहती है कि भारतीय बैंकिंग सिस्टम इतना मजबूत बने कि वह वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सके।
पहले भी हो चुके हैं बैंक मर्जर (Bank Merger)
यह पहली बार नहीं है जब सरकार ने बैंक मर्जर की दिशा में कदम बढ़ाया हो।
2017 से 2020 के बीच केंद्र सरकार ने 10 सरकारी बैंकों को मिलाकर 4 बड़े बैंक बनाए थे।
यदि मौजूदा योजना लागू हो जाती है, तो देश में केवल ये चार सरकारी बैंक रह जाएंगे:

- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)
- पंजाब नेशनल बैंक (PNB)
- बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB)
- कैनरा बैंक (Canara Bank)
ग्राहकों पर क्या होगा असर
बैंकों के मर्जर (Bank Merger) के बाद ग्राहकों को कुछ शुरुआती दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है —
जैसे कि नए अकाउंट नंबर, चेकबुक, ATM कार्ड और अन्य दस्तावेज बदलने पड़ सकते हैं।
हालांकि, सरकार और बैंक इस प्रक्रिया को ग्राहकों के लिए आसान बनाने की कोशिश करेंगे ताकि किसी को परेशानी न हो।
भारत सरकार का यह मर्जर प्लान (Bank Merger) देश के बैंकिंग सेक्टर को एक नए स्तर पर ले जाने का प्रयास है। इससे जहां बैंकों की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी, वहीं सरकारी बैंकों की संख्या घटकर सिर्फ चार रह जाएगी। आने वाले महीनों में इस पर सरकार की मंजूरी के बाद तस्वीर और साफ हो जाएगी।